कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें 'दागी' उम्मीदवारों को नए आवेदनों में भाग लेने से रोक दिया गया है. ये वे उम्मीदवार हैं जो 2016 में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के दौरान गड़बड़ी में शामिल थे.
अदालत ने स्पष्ट किया कि जिन लोगों ने 2016 में सरकारी स्कूलों में नौकरी पाने के लिए अनुचित तरीकों का इस्तेमाल किया था, उन्हें नई भर्ती प्रक्रिया से बाहर रखा जाना चाहिए. सर्वोच्च न्यायालय ने पहले ही 2016 की भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया था और नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया था. अदालत ने कहा था कि भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई थीं और इसे रद्द करना आवश्यक था.
बंगाल सरकार ने 'दागी' उम्मीदवारों के पक्ष में तर्क देते हुए कहा था कि उन्हें पहले ही दंडित किया जा चुका है और उन्हें आजीविका कमाने से नहीं रोका जा सकता.
अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा लगभग एक साल पहले दिए गए एक आदेश की पुष्टि की. हाई कोर्ट ने 2016 की चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया था. इसका मतलब था कि 25,753 पुरुषों और महिलाओं को नौकरी से निकाल दिया गया था और उन्हें 12 प्रतिशत ब्याज के साथ अपना वेतन वापस करने का आदेश दिया गया था.