केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारत को हाई-टेक उत्पादन (Hi-tech Production) के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए देश में सेमीकंडक्टर (Semiconductor) और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के लिए 76,000 करोड़ रुपये की नीति को बढ़ावा देने की मंजूरी दी. कैबिनेट के फैसले की घोषणा करते हुए, आईटी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स रोजमर्रा की जिंदगी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और सेमीकंडक्टर चिप्स इलेक्ट्रॉनिक्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
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सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस योजना के तहत अगले 5-6 वर्षों में सेमीकंडक्टर के विनिर्माण में 76,000 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान जताया गया है. योजना का विवरण देते हुए उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए 76,000 करोड़ रुपये के कार्यक्रम को मंजूरी दी गई है. दूरसंचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस फैसले से माइक्रोचिप के डिजाइन, विनिर्माण, पैकिंग और परीक्षण में मदद मिलेगी तथा एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित होगा.
सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ डिजाइन में कंपनियों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी प्रोत्साहन पैकेज प्रदान करके इस योजना से इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में एक नए युग की शुरुआत होने की उम्मीद है. यह सामरिक महत्व और आर्थिक आत्मनिर्भरता के इन क्षेत्रों में भारत के तकनीकी कौशल को मजबूत करेगा. कार्यक्रम पूंजी समर्थन और तकनीकी सहयोग की सुविधा के द्वारा अर्धचालक और प्रदर्शन निर्माण को बढ़ावा देगा.
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