देश में CAA लागू, विपक्ष ने इसे 'चुनावी बॉन्ड' समेत अन्य मुद्दों से ध्यान भटकाने वाला बताया

कांग्रेस नेता ने कहा, "नियमों की अधिसूचना जारी करने के लिए नौ बार अवधि में विस्तार की मांग करने के बाद चुनाव से ठीक पहले का समय स्पष्ट रूप से चुनावों में ध्रुवीकरण करने के लिए तय किया गया है, खासकर पश्चिम बंगाल और असम में."

विज्ञापन
Read Time: 8 mins
विपक्ष ने कहा यह विभाजनकारी राजनीति का प्रयास है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए)-2019 लागू किए जाने के बाद विपक्षी दलों ने जहां इसे विभाजनकारी और सांप्रदायिक कदम और मुद्दों से ध्यान भटकाने वाला करार दिया, वहीं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस कदम का स्वागत किया. कांग्रेस की सहयोगी असम जातीय परिषद (एजेपी) के अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने असम के लोगों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को रेखांकित करते हुए एक ज्ञापन के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की.

एक्स पर पोस्ट कर CAA पर बोले खरगे

खरगे ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "सीएए यानी नागरिकता संशोधन अधिनियम प्रकृति में भेदभावपूर्ण और भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों और भावना के खिलाफ है. चुनाव से ठीक पहले आज अधिसूचित सीएए नियम भाजपा की हताशा को दर्शाते हैं, जो विभाजनकारी राजनीति का प्रयास है." कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि चुनावी बॉण्ड के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय की सख्ती के बाद यह घोषणा 'सुर्खियां बटोरने' का एक और प्रयास है.

कांग्रेस नेता ने कहा, ऐसा चुनावों में ध्रुवीकरण करने के लिए किया गया

कांग्रेस नेता ने कहा, "नियमों की अधिसूचना जारी करने के लिए नौ बार अवधि में विस्तार की मांग करने के बाद चुनाव से ठीक पहले का समय स्पष्ट रूप से चुनावों में ध्रुवीकरण करने के लिए तय किया गया है, खासकर पश्चिम बंगाल और असम में." राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने सीएए के नियम अधिसूचित करने के केंद्र के फैसले की निंदा की और कहा कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यह कदम संसदीय लोकतंत्र पर हमले के समान है.

Advertisement

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनावों की घोषणा से कुछ दिन पहले इस तरह का निर्णय संसदीय लोकतंत्र पर हमला है. हम इसकी निंदा करते हैं." कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सीएए पर केंद्र सरकार की अधिसूचना की निंदा की और इसे पूरी तरह से सांप्रदायिक उद्देश्यों के साथ विभाजनकारी और नुकसान पहुंचाने वाला कदम बताया.

Advertisement

थरूर ने कहा, "यह मूल सिद्धांत के विपरीत है कि भारत में, आपका धर्म कुछ भी हो, आपकी जाति कुछ भी हो, आपकी भाषा कुछ भी हो, आपका रंग कुछ भी हो, आप देश के किसी भी हिस्से में रहते हों, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. यदि आप भारत के नागरिक हैं, तो आपके पास अन्य सभी लोगों के समान अधिकार हैं."

Advertisement

संजय राउत ने कहा, "मोदी दोबारा प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे"

उधर, शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कहा कि सीएए लागू किया जा रहा है, क्योंकि सत्तारूढ़ सरकार को एहसास है कि लोकसभा चुनाव से पहले समर्थन की कोई लहर नहीं है. राउत ने दावा किया, "केंद्र सरकार चाहे कितने भी सांप्रदायिक या अन्य प्रकार के तनाव पैदा कर ले, नरेन्द्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे." इस कानून को पारित किये जाने के चार साल बाद केंद्र के इस कदम के कारण पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने का रास्ता साफ हो गया है.

Advertisement

स्टालिन ने इसे विभाजनकारी एजेंडा बताया

सरकार के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुये तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजनीतिक लाभ हासिल करने के प्रयास में लोकसभा चुनाव से पहले सीएए के नियमों को अधिसूचित करके 'अपने डूबते जहाज को बचाने' की कोशिश कर रहे हैं. स्टालिन ने कहा कि भाजपा सरकार के 'विभाजनकारी एजेंडे' ने नागरिकता अधिनियम को हथियार बना दिया है, इसे 'मानवता के प्रतीक' से धर्म और नस्ल के आधार पर 'भेदभाव के उपकरण' में बदल दिया है. हालांकि, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने सोमवार को कहा कि सीएए के नियमों को अधिसूचित करना "भारत में सुशासन" का एक उदाहरण है. बोस ने कहा कि इसे चार साल पहले संसद में पारित किया गया था और अब जो हो रहा है वह नियमों और विनियमों की अधिसूचना के माध्यम से इसकी "तार्किक परिणति" है. राज्यपाल ने संवाददाताओं से कहा, "मैं इसे इस देश में सुशासन की सामान्य प्रक्रिया के एक हिस्से के रूप में देखता हूं."

कर्नाटक के गृह मंत्री ने चुनावों को देखते हुए ऐसा किया

कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि केंद्र द्वारा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करना राजनीति से प्रेरित है, जो आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर किया गया है. उन्होंने कहा कि यह कदम चुनाव में अधिक सीट जीतने और सत्ता में आने को लेकर भाजपा के आत्मविश्वास की कमी को दर्शाता है. परमेश्वर ने कहा, "आज नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के नियम गजट में प्रकाशित हो गये हैं. मुझे लगता है कि इसका पूरा विवरण देखे बिना इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं है. हमने 2019 में देखा कि कई लोगों ने इसका विरोध किया था. इसके बावजूद अगर केंद्र सरकार इस फैसले पर पहुंची है, तो इसकी जांच की जानी चाहिए और इस पर गौर किया जाना चाहिए."

एमनेस्टी इंडिया ने कहा कि यह कानून समानता के अधिकार का उल्लंघन

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को भेदभावपूर्ण करार देते हुये एमनेस्टी इंडिया ने कहा कि यह कानून समानता के अधिकार का उल्लंघन है और समानता एवं अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों के संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है. कानून की अधिसूचना के बाद एमनेस्टी इंडिया ने 'एक्स' पर कहा, "नागरिकता (संशोधन) अधिनियम भेदभावपूर्ण है, जो समानता के संवैधानिक मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के खिलाफ है."

छत्तीसगढ़ के CM ने कहा पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के लिए खोले देश के दरवाजे

उधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "मोदी सरकार ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के नियमों को अधिसूचित कर पड़ोसी देशों में शोषित अल्पसंख्यकों के हितों एवं उनके विकास के लिए भारत के दरवाजे खोल दिये हैं." उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, "इसके तहत अब तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी. मैं इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी एवं माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी को शुभकामनाएं प्रदान करता हूं."

भाजपा की छत्तीसगढ़ इकाई ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "भाजपा जो कहती है, वह करती है, देश में आज सीएए लागू हो गया है. इस बीच, प्रदेश कांग्रेस ने दावा किया कि मोदी सरकार ने अपनी विफलताओं से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सीएए के नियमों को अधिसूचित किया है. ओड़िशा में कांग्रेस, माकपा और सपा जैसे विपक्षी दलों ने चुनाव से पहले इस कानून के कार्यान्वयन पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की, जबकि भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इसके लिये धन्यवाद दिया.

नरसिंह मिश्रा CAA के वादे को पूरा करने के लिए PM का धन्यवाद

ओडिशा विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता, नरसिंह मिश्रा ने कहा कि देश की एक बड़ी आबादी ने सीएए का 'कड़ा विरोध' किया था, जिसके कारण इसके कार्यान्वयन में देरी हुई. सीएए के नियमों को अधिसूचित करके एक और वादा पूरा करने के लिए भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया.

CAA के कार्यान्वयन पर पीएम मोदी को बधाई - धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'सीएए का कार्यान्वयन भारतीयता और करुणा, सद्भाव, समावेशिता और भाईचारे के सभ्यतागत लोकाचार का सच्चा प्रतिबिंब होगा.' गुजरात के भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनयम के नियमों को अधिसूचित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बधाई दी.

दर्शना जरदोश ने कहा, CAA, BJP के घोषणापत्र का अभिन्न अंग है

केंद्रीय रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने इसके लिए मोदी और शाह की सराहना की और कहा कि सीएए का कार्यान्वयन भाजपा के 2019 (लोकसभा चुनाव) घोषणापत्र का एक अभिन्न अंग था. उन्होंने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "मोदी की गारंटी का मतलब हर गारंटी को पूरा करने की गारंटी है." मंत्री ऋशिकेश पटेल ने कहा कि गुजरात के लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हैं और राज्य सरकार देश हित में लिए गए केंद्र सरकार के फैसले को लागू करेगी.

वीपीपी ने कहा कि वो इस अधिनियम का विरोध करती है

इस बीच, मेघालय में विपक्षी वॉयस ऑफ पीपुल्स पार्टी (वीपीपी) ने कहा कि वह नागरिकता (संशोधन) अधिनियम का विरोध करती है, जिसे मेघालय के उन इलाकों में लागू किया जाएगा, जो छठी अनुसूची के तहत नहीं हैं. असम में विपक्षी दलों ने सोमवार को इस कानून को लागू करने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार की आलोचना की, हालांकि, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने इसका स्वागत किया है, जिससे अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आये अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता देने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. दूसरी ओर, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने कहा कि वह केंद्र के इस कदम के खिलाफ कानूनी रूप से लड़ेगा.

यह भी पढ़ें : देशभर में CAA लागू, लेकिन ये राज्य कानून के दायरे से बाहर, ममता-पिनराई के भी तेवर तल्ख

यह भी पढ़ें : "PM मोदी की गारंटी से वास्तविकता बना CAA" : बीजेपी
 

Featured Video Of The Day
Salman Khan की Shooting साइट में घुसा शख्स, पुलिस ने पकड़ा | Breaking News | NDTV India
Topics mentioned in this article