30 अक्टूबर को हुए उपचुनाव के मंगलवार को आए नतीजे (Bypolls Results) भाजपा के दो मुख्यमंत्रियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं. यह हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और उनके कर्नाटक समकक्ष बसवराज एस बोम्मई के लिए चिंता का विषय है, जब भाजपा ने पिछले छह महीने में अपने चार मुख्यमंत्री बदले हैं. गुजरात में विजय रूपानी, कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा और उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत को भाजपा ने बदला है.
हिमाचल में भाजपा की हार सबसे बुरी हुई है, जहां विपक्षी दल कांग्रेस ने तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट अपने खाते में कर लीं. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने हार कबूल करते हुए कहा कि पार्टी उनसे सीखेगी. उन्होंने मंडी लोकसभा सीट पर कांग्रेस की जीत की वजह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को मैदान में उतारकर "भावनात्मक कार्ड" खेलने को बताया है.
पार्टी कार्यकर्ताओं से नतीजों से निराश न होने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए.
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हिमाचल प्रदेश में कुछ महीने बाद ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, लेकिन यह तथ्य उन्हें अपने पद को लेकर चिंता में राहत की वजह नहीं हो सकता. गुजरात में अगले साल चुनाव होने वाले थे, लेकिन भाजपा ने सरकार की आलोचना से ध्यान हटाने की कोशिश में पूरे कैबिनेट को ही बदल दिया.
बोम्मई के लिए चुनौती कुछ अलग तरह की है. दो विधानसभा सीटों के लिए 30 अक्टूबर को हुए उपचुनाव लिंगायत नेता के लिए पहली बड़ी चुनावी परीक्षा थी. भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के साथ लंबे विचार-विमर्श के बाद येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटा गिया था, जिसके बाद बोम्मई को उनकी जगह मुख्यमंत्री बनाया गया था.
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जहां भाजपा ने जनता दल (सेक्युलर) से सिंदगी सीट छीनी, वहीं उनके गृह क्षेत्र हंगल में भाजपा की हार बोम्मई के लिए एक झटका है. इस हार से और भी ज्यादा दुख होगा, क्योंकि मुख्यमंत्री ने चुनाव से पहले इस सीट पर दमदार चुनाव प्रचार किया था. इसके अलावा इस हार की वजह से वे राज्य पार्टी इकाई में अपनी स्थिति मजबूत करने का एक मौका और चूक गए हैं.
हालांकि, बोम्मई ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'लोकतंत्र में हार सामान्य है.'
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