अब बुलडोजर नहीं काम का, देश में बिगड़े हालात के लिए पीएम मोदी जिम्मेदार : शिवानन्द तिवारी

आरजेडी नेता शिवानन्द तिवारी ने कहा- प्रधानमंत्री को देश को आश्वस्त करना होगा कि जो कुछ अब तक देश में चलता रहा है वैसा अब आगे नहीं चलेगा, सभी धर्म, प्रत्येक नागरिक के साथ बराबरी का व्यवहार किया जाएगा

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आरजेडी नेता शिवानन्द तिवारी ने कहा है कि देश में बिगड़े हालात के लिए पीएम मोदी जवाबदेह हैं (फाइल फोटो).
पटना:

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता शिवानन्द तिवारी (Shivanand Tiwari) ने बीजेपी (BJP) के नेताओं की पैगंबर पर टिप्पणियों को लेकर देश भर में उपजे आक्रोश और विरोध प्रदर्शन को लेकर आज कहा कि ''देश चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है. पिछले आठ वर्षों से देश की राजनीति का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कर रहे हैं, इसलिए देश में आज जो चिंताजनक परिस्थिति पैदा हुई है उसकी जवाबदेही उन्हीं को लेनी होगी.'' उन्होंने कहा कि ''मौजूदा स्थिति को संभालने के लिए जिस धीरज और परिपक्वता की जरूरत है उसका नितांत अभाव भाजपा के नेतृत्व में दिखाई देता है. यह एक ऐसा मसला है जिसको बुलडोजर के सहारे नहीं निपटा सकते हैं.''

शिवानन्द तिवारी ने कहा कि ''धर्म संसद में मुस्लिम जनसंहार का आह्वान करते वीडियो को पूरे देश ने देखा है. जिन महात्मा गांधी की समाधि पर जाकर प्रधानमंत्री प्रतिवर्ष फूल अर्पित करते हैं उनको गाली दी गई. जगह-जगह गरीब मुसलमानों को घेरकर जय श्रीराम का नारा लगवाने की घटनाओं के वीडियो दिखाई देते हैं. लेकिन प्रधानमंत्री ने इन सब घटनाओं के विरुद्ध अपना मुंह कभी नहीं खोला. उनके मौन ने या कभी-कभी उनकी भाषा ने उन्मादी तत्वों का मन बढ़ाया.''

उन्होंने कहा कि ''बात बढ़कर पैगंबर साहब को अपमानित करने की हद तक चली गई. यहीं से मामला बेकाबू होता दिखाई देने लगा है. मुस्लिम समुदाय में कई फिरके हैं. लेकिन ईश्वर के बाद या उन्हीं की तरह हर मुसलमान के लिए पैगम्बर साहब इबादत की जगह रखते हैं. इसलिए यह मामला अब देश के अंदर का ही नहीं रह गया.'' 

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आरजेडी नेता ने कहा कि ''देश के अंदर शासक पार्टी के समर्थन से मुसलमानों के विरुद्ध घृणा, नफरत फैलाई जा रही थी. पुलिस, प्रशासन, मीडिया तथा कुछ हद तक न्यायपालिका भी उनके प्रति पूर्वाग्रह दिखा रही थी, उसकी घुटन में यह समाज जी रहा था. ऐसा नहीं है कि संपूर्ण हिंदू समाज मुसलमानों के खिलाफ लगा हुआ था. हिंदुओं का उदार चेता बहुमत देश में आज जो कुछ हो रहा है उसको नापसंद करता है. लेकिन कट्टरवादियों द्वारा सत्ता के समर्थन से जो तांडव मचाया जा रहा है उसका सक्रिय विरोध नहीं हो पा रहा है.''

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उन्होंने कहा कि ''टीवी बहस में नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर साहब के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी के बाद मुस्लिम देशों में जैसी प्रतिक्रिया हुई उससे देश में मुसलमानों को बल मिला है. देश के विभिन्न शहरों में सड़कों पर उतरकर मुसलमान नूपुर शर्मा की टिप्पणी का विरोध कर रहे हैं.''

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शिवानन्द तिवारी ने कहा कि ''मौजूदा स्थिति को संभालने के लिए जिस धीरज और परिपक्वता की जरूरत है उसका नितांत अभाव भाजपा के नेतृत्व में दिखाई देता है. यह एक ऐसा मसला है जिसको बुलडोजर के सहारे नहीं निपटा सकते हैं. आठ वर्षों के शासन में पहली मर्तबा मोदी जी के नेतृत्व की गहरी परीक्षा शुरू हुई है. देश हित में ज़रूरी है कि वे इस परीक्षा में सफल हों. लेकिन इसके लिए सबसे पहले उन्हें देश को आश्वस्त करना होगा जो कुछ अब तक देश में चलता रहा है वैसे अब आगे नहीं चलेगा. सभी धर्मों को, प्रत्येक नागरिक के साथ संविधान के निर्देशों के मुताबिक बगैर भेदभाव के बराबरी का व्यवहार किया जाएगा. ऐसा विश्वसनीय भरोसा देकर ही इस संवेदनशील मसले को संभाला जा सकता है.''

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