वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट (Union Budget 2022) मंगलवार को संसद में पेश किया. कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों के कई नेताओं ने बजट पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस ने आम बजट पेश होने के बाद आरोप लगाया कि सरकार ने देश के वेतनभोगी वर्ग और मध्य वर्ग को राहत नहीं देकर उनके साथ ‘‘विश्वासघात'' किया है. वहीं, बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने बजट को ‘पेगासस स्पिन बजट' करार देते हुए कहा कि इसमें देश के आम लोगों के लिए कुछ नहीं है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि आम बजट में वेतनभोगी वर्ग, मध्य वर्ग, गरीबों, किसानों, युवाओं और छोटे कारोबारियों के लिए कुछ नहीं है. गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी सरकार के बजट में कुछ नहीं है. मध्य वर्ग, वेतनभोगी वर्ग, गरीब और वंचित वर्ग, युवाओं, किसानों और एमएसएमई के लिए कुछ नहीं है.''
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘भारत का वेतनभोगी वर्ग एवं मध्य वर्ग महामारी, वेतन में चौतरफा कटौती और कमरतोड़ महंगाई के इस दौर में राहत की उम्मीद कर रहा था. वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने एक बार फिर से अपने प्रत्यक्ष कर से संबंधित कदमों से इन वर्गों को बहुत निराश किया है.'' उन्होंने आरोप लगाया कि यह वेतनभोगी वर्ग और मध्य वर्ग के साथ विश्वासघात है.
सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया कि क्या सरकार ने ‘क्रिप्टो करेंसी' से होने वाली आय पर कर लगाकर ‘क्रिप्टो करेंसी' को बिना विधेयक लाए ही वैध करार दिया है?
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वर्ष 2022-23 के आम बजट को ‘पेगासस स्पिन बजट' करार देते हुए कहा कि इसमें देश के आम लोगों के लिए कुछ नहीं है. ममता ने ट्वीट किया, ‘‘बेरोजगारी और महंगाई से पिस रहे आम लोगों के लिए बजट में कुछ नहीं है. बड़ी-बड़ी बाते हैं और हकीकत में कुछ नहीं है. ‘पेगासस स्पिन बजट' है.''
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओब्रायन ने दावा किया कि बजट से साबित होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों, गरीबों और मध्य वर्ग की परवाह नहीं करते. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हीरे सरकार के सबसे अच्छे मित्र हैं. किसानों, मध्य वर्ग, दिहाड़ी मजदूरों, बेरोजगारों की प्रधानमंत्री परवाह नहीं करते.
बिहार कांग्रेस ने कू पर कहा कि एक तरफ देश गरीब हो रहा है तो दूसरी तरफ सरकार का खजाना भरता जा रहा है. 'सबका साथ, सबका विकास' का जुमला कुछ और नहीं बल्कि देशवासियों की भावनाओं के साथ भाजपाई खिलवाड़ है.
आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि बजट में देखने लायक कुछ नहीं है. मैंने कई सारी ऐसी घोषणाएं सुनीं, जो पहले भी सुन चुका हूं. ये 2016, 2017, 2018 में भी सुने हैं. बार बार क्यो ? पिछली बार का क्यों नही पूरा हुआ. आम बजट में गांव के गरीब के लिये कुछ नहीं है. देश मे सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है. ये (सरकार) जमीन पर आकर बात करना नही चाह रही है. जनता को तरीके पता होते हैं हर बार काठ की हांडी नहीं चढ़ेगी. मैं सच कहूं तो इतना स्वाद विहीन और गैर उत्साह वाला बजट नहीं होगा.
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