Budget 2021 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट पेश करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2021 में कोरोना महामारी के झटके के कारण राजकोषीय घाटा जीडीपी (GDP) का 9.5 फीसदी होगा. यह सरकार के लिए बड़ी चिंता का विषय है. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2022 में राजकोषीय घाटा 6.8 फीसदी रह सकता है, लेकिन सरकार वित्त वर्ष 2025-26 तक इसे दोबारा जीडीपी के 4.5 फीसदी तक लाने का प्रयास करेगी.
सीतारमण ने कहा कि सरकार ने वित्तीय अनुशासन का पालन करते हुए मार्च 2021 में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3 फीसदी तक सीमित रखने का लक्ष्य पा लिया था, लेकिन महामारी के बाद अप्रत्याशित झटकों से सरकार ने खर्च बढ़ाया. करीब 27 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की गई. राजकोषीय घाटे में बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार एफआरबीएम कानून में बदलाव करेगी.
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वित्त वर्ष 2022 में सरकार बाजार से करीब 12 लाख करोड़ रुपये उधार लेने का अनुमान है. राजकोषीय घाटा बढ़ने के कारण भारत की रेटिंग पर बुरा असर पड़ सकता है और विदेशी ऋण लेना महंगा हो सकता है. वित्त वर्ष 2022 में पूंजीगत खर्च 5.54 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
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बता दें, कोरोनावायरस के बाद उबर रही अर्थव्यवस्था के बीच वित्तमंत्री वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि इस बार का बजट आपदा में अवसर ढूंढने वाला है. उन्होंने कहा कि इस बजट को इस फोकस के साथ तैयार किया गया है कि यह अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए उठाए जा रहे कदमों को सहारा दे. इस बजट में सरकार ने हेल्थ सेक्टर और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खासा जोर दिया है हेल्थ सेक्टर के बजट को 94,000 करोड़ से बढ़ाकर 2.38 लाख करोड़ कर दिया गया है. सीतारमण ने बजट में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया है.
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