उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती (Mayawati) ने पेगासस जासूसी मामले (pegasus spyware case) पर संसद के मॉनसून सत्र में हो रहे रोज के हंगामे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से अनुरोध किया है कि वह इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर अपनी निगरानी में मामले की जांच कराए, ताकि सच्चाई जनता के सामने आ सके.
मायावती ने लगातार दो ट्वीट कर कहा है, "संसद का चालू मानसून सत्र देश, जनहित व किसानों आदि के अति-जरूरी मुद्दों पर सरकार व विपक्ष के बीच अविश्वास व भारी टकराव के कारण यह सत्र सही से चल नहीं पा रहा है. पेगासस जासूसी काण्ड भी काफी गरमा रहा है, फिर भी केन्द्र इस मुद्दे की जाँच कराने को तैयार नहीं. देश चिन्तित. ऐसे में बीएसपी माननीय सुप्रीम कोर्ट से यह अनुरोध करती है कि वह देश में इस बहुचर्चित पेगासस जासूसी काण्ड के मामले में खुद ही संज्ञान लेकर इसकी जाँच अपनी निगरानी में कराये ताकि इसको लेकर सच्चाई जनता के सामने आ सके."
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बता दें कि 19 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ है लेकिन एक दिन भी संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पाई है. संसद के दोनों सदनों में पेगासस जासूसी कांड और तीनों कृषि कानूनों समेत कई मुद्दों पर रोज हंगामा हो रहा है. बुधवार को भी हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी थी.
कांग्रेस सदस्यों ने पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल की ओर कागज उछाले थे. इसके कुछ देर बाद सत्तापक्ष की तरफ भी कागज फेंके गए थे जिसके बाद सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक स्थगित कर दी गयी थी. संसद में हंगामे को लेकर बीजेपी और विपक्ष आमने-सामने हैं. दोनों तरफ से बयानबाजी का दौर जारी है. इस बीच, बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने संसद में जारी गतिरोध के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया था.