देश में एक तरफ 5G स्पेट्रम की नीलामी करके 4 लाख करोड़ से ज्यादा की आय का लक्ष्य रखा गया है दूसरी तरफ खुद सरकार के PSU BSNL के कर्मचारी तनख्वाह और पेंशन के लिए राजधानी में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. यहां नगालैंड से लेकर गुरुग्राम तक से आए ये बीएसएनएल के इंजीनियर और कर्मचारी हैं. बीएसएनएल मुख्यालय के ठीक बगल में 4 दिन से चल रहे इस अनिश्चितकालीन धरने पर न तो कोई मंत्री न ही कोई नौकरशाह आया है. बीएसएनएल की बदहाली की कहानी उन्हीं कर्मचारियों की जुबानी सुनिए. हालांकि इस बीच बुधवार देर शाम केंद्र सरकार ने बीएसएनएल के लिए 1 लाख 64 हजार करोड़ रुपये के पुनरोद्धार पैकेज को मंजूरी दे दी है.
बीएसएनएल इंजीनियर्स के महासचिव वसी अहमद ने कहा कि हम मुख्यालय के ठीक बगल में धरने पर बैठे हैं. देशभर में धरना चल रहा है, लेकिन बगल के कमरे से निकल कर किसी चेयरमैन या डायरेक्टर तक ने बाहर आकर हमसे बात नहीं कर रहे हैं.
इसी धरने पर रिचा यादव भी आई हैं. 2012 में बीएसएनएल में ज्वाइन किया था. 9 साल बाद पहला प्रमोशन मिला है. BSNL ग्रेजुएट इंजीनियर्स और टेलीकॉम आफिसर्स एसोसिएशन के मुताबिक वेतन बढ़ने के बजाए तमाम लोगों के घट गए हैं और वक्त से प्रमोशन नहीं मिल रहा है.
बता दें कि बीएसएनएल काफी समय से आर्थिक नुकसान झेल रहा है. आज जब बड़ी टेलीकॉम कंपनियां 5 जी नीलामी में शामिल हो रही हैं तब बीएसएनएल के पास 4जी तकनीक तक नहीं है. वसी अहमद ने कहा कि ग कहते हैं कि हम काम नहीं कर रहे, लेकिन जब हमें 4/जी तकनीकी तक नहीं दी जाएगी तो हम कैसे बड़ी कंपनियों का मुकाबला करेंगे.
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