कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी को एक और झटका लगा है. दरअसल पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता बृजेश कलप्पा ने आप में शरीक होने के लिए इस्तीफा दे दिया. सुप्रीम कोर्ट के वकील, कलप्पा, 1997 में ग्रैंड ओल्ड पार्टी में शामिल हुए थे. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक भावनात्मक नोट में घोषणा करते हुए, कलप्पा ने कहा कि उन्होंने पार्टी के काम के प्रति जुनून की कमी महससू की. इसी के साथ उन्होंने NDTV से पुष्टि की कि वह अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP में शामिल होंगे.
कांग्रेस पार्टी में अपने योगदान पर प्रकाश डालते हुए वरिष्ठ कार्यकर्ता बृजेश कलप्पा ने कहा, "मैं साल 2013 में यूपीए के वर्षों से हिंदी, अंग्रेजी और कन्नड़ चैनलों पर पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं - लगभग एक दशक तक और 6497 कई तरह की बहसें देखी हैं. इसके अलावा, पार्टी नियमित रूप से राजनीतिक कार्य सौंपती रही है. मैंने अपनी संतुष्टि के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है."
बृजेश कलप्पा ने कहा कि उन्होंने 2014 और 2019 की "पराजय" के बाद भी, पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए ऊर्जा और उत्साह में कमी महसूस नहीं की, लेकिन हाल ही में वो खुद के "जुनून में कमी" पा रहे हैं, जबकि उनका खुद का प्रदर्शन " बेकार" रहा है. कन्नड़ अभिनेता और पूर्व एमएलसी मुख्यमंत्री चंद्रू के विधान परिषद में नामांकन से इनकार किए जाने के बाद पार्टी से इस्तीफा देने के बाद कलप्पा का पार्टी के साथ 25 साल पुराना रिश्ता समाप्त हो गया.
इससे पहले 27 मई को, कलप्पा ने भाजपा नेता केएस ईश्वरप्पा के उस बयान की निंदा की थीं, जिसमें वो मस्जिदों को फिर से मंदिर के तौर पर हासिल करने की बात कह रहे थे. उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी और शाही ईदगाह मस्जिदों पर विवाद के बीच, ईश्वरप्पा ने कहा था कि "सभी 36,000 मंदिरों को फिर से वापस हासिल किया जाएगा." कलप्पा के इस्तीफे की खबर ऐसे समय में आई है जब कांग्रेस अपनी राज्यसभा सूची को लेकर पहले से ही अंदरूनी कलह से जूझ रही है.
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कल, महाराष्ट्र कांग्रेस नेता आशीष देशमुख ने महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव के पद से अपने इस्तीफे की घोषणा की थी. वहीं कांग्रेस में जी-23 या 23 "असंतोषियों" के समूह के करीबी सूत्रों ने भी संसद के ऊपरी सदन के लिए उम्मीदवारों की पसंद के बारे में कई सवाल उठाए हैं. पार्टी ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में राज्यसभा उम्मीदवारों के तौर पर "बाहरी लोगों" को चुना है, जबकि इन दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकार है.
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