Exclusive: अमृतपाल सिंह कैसे बना देश के लिए खतरा? खुफिया एजेंसियों ने दिए ये पुख्ता सबूत

Amritpal Singh News Update: खुफिया सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल सिंह की गतिविधियों और उनसे जुड़ी कथित साजिशों के बारे में बताया गया है. इससे पता चलता है कि आखिर अमृतपाल सिंह देश के लिए खतरा क्यों है...

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पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह को पांच दिनों से तलाश रही है.

नई दिल्ली:

कट्टरपंथी संगठन "वारिस पंजाब दे" के प्रमुख और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह फरार चल रहा है. पंजाब पुलिस लगातार पांच दिनों से उसकी गिरफ्तारी के लिए ऑपरेशन चला रही है. अमृतपाल सिंह खालिस्तानी अलगाववादी और आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का अनुयायी होने का दावा करता है. उसके समर्थक उसे "भिंडरावाले 2.0" कहते हैं. पंजाब पुलिस ने मंगलवार को अमृतपाल सिंह के अलग-अलग लुक की तस्वीरें जारी की थी. पंजाब पुलिस ने उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) भी लगाया है. 

अब खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर उसका पूरा प्रोफाइल तैयार किया गया है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल सिंह की गतिविधियों और उनसे जुड़ी कथित साजिशों के बारे में बताया गया है. इससे पता चलता है कि आखिर अमृतपाल सिंह देश के लिए खतरा क्यों है:-


हथियार जमा करना
-​इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के जरिए पाकिस्तान से मंगाए गए हथियारों के वितरण में मदद करना.
-अवैध रूप से चलाए जा रहे नशामुक्ति केंद्रों और अमृतसर के पड़ोस के जल्लुपुर खेड़ा में एक गुरुद्वारे में हथियार जमा करना.
-अवैध तरीके से बिना लाइसेंस वाले हथियार ले जाना.
-हथियारों के खुले प्रदर्शन के खिलाफ सरकारी आदेश की अवहेलना करना.

बेहिसाब फंड
-'वारिस पंजाब दे' द्वारा आयोजित धार्मिक मार्च खालसा वाहीर जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से जुटाए फंड का कोई हिसाब नहीं देते.
-खालिस्तान के नाम पर फंड का दुरूपयोग करना.
-खर्च और पैसे के सोर्स का कोई हिसाब दिए बिना महंगी गाड़ियों एक बड़ा काफिला बनाए रखना.

समाज को बांटने वाला
-पंजाब में सांप्रदायिक आधार पर समाज को बांटने और डर का माहौल बनाने की कोशिश.
-पंजाब में उत्तर प्रदेश और बिहार से आए प्रवासी गैर सिख कामगारों के प्रति असहनशीलता की भावना.
-आनंदपुर खालसा फौज (AKF) हिंदू बनाम सिख और ईसाई बनाम सिख नैरेटिव सेट करने की कोशिश कर रही है.

विवादों से नाता
-'गन कल्चर' को लेकर युवाओं को गुमराह करना.
-लोगों को हथियार उठाने को लेकर उकसाने के लिए जानबूझकर गुरु गोबिंद सिंह की शिक्षाओं की गलत व्याख्या करना.
-तत्काल न्याय की अवधारणा को बढ़ावा देना.
-युवाओं को कानून अपने हाथ में लेने के लिए उकसाना.

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