CBI ने किया खुलासा, सफदरजंग अस्पताल के न्यूरो सर्जन ने कैसे मरीजों से वसूले करोड़ों रुपये

सीबीआई का कहना है कि उन्होंने 4.63 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की. जिसमें नोएडा (यूपी) और हलद्वानी (उत्तराखंड) में 3.47 करोड़ रुपये की पांच अचल संपत्तियां, कंपनियों और फर्मों में लगभग 48 लाख रुपये का निवेश शामिल हैं.

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नई दिल्ली:

सफदरजंग अस्पताल में न्यूरो सर्जन मनीष रावत पर CBI ने फिर शिकंजा कसा है. न्यूरो सर्जन मनीष रावत पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. नई एफआईआर में रावत के अलावा उनकी पत्नी खुशबू को भी आरोपी बनाया गया है. दोनों पर कम से कम 2.4 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जमा करने का आरोप है. जांच से पता चला कि दंपति के पास 3.39 करोड़ रुपये थे और उनका खर्च 1.16 करोड़ रुपये था.

डॉक्टर की पत्नी भी जांच के घेरे में आई
सीबीआई का कहना है कि उन्होंने 4.63 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की. जिसमें नोएडा (यूपी) और हलद्वानी (उत्तराखंड) में 3.47 करोड़ रुपये की पांच अचल संपत्तियां, कंपनियों और फर्मों में लगभग 48 लाख रुपये का निवेश शामिल हैं. वहीं, जांच के दौरान एक लॉकर में 69 लाख रुपये की ज्वेलरी भी मिली है. डॉक्टर की पत्नी खुशबू रावत निदेशकों और साझेदारों में से एक हैं और उन्होंने बीमा पॉलिसियों में 17.5 लाख रुपये निवेश किया है.

आय से 70.85% अधिक अवैध संपत्ति का खुलासा
शुक्रवार को दर्ज की गई एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि रावत ने "जानबूझकर खुद को अवैध रूप से समृद्ध किया" और अपने नाम के साथ-साथ अपनी पत्नी के नाम पर 2.40 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की, जो दंपति की आय के ज्ञात स्रोतों से 70.85% अधिक थी.

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मरीजों से पैसे ऐंठने वाले गैंग के साथ न्यूरोसर्जन हो चुका है गिरफ्तार
ससे पहले मनीष रावत को सफदरजंग अस्पताल में कुछ बिचैलियों और लोगों के साथ मिलकर मरीजों से रिश्वत लेने और उनसे इलाज के नाम पर अवैध तरीके से पैसे ऐंठने के आरोप में पकड़ा गया था.इसी साल मार्च में सीबीआई ने छापेमारी कर न्यूरोसर्जन समेत गैंग के 5 लोगों को गिरफ्तार किया है.डॉक्टर महेश रावत सफदरजंग अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर है.

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इसी डॉक्टर की ऑडी Q7 से 2017 में गाजियाबाद में 4 लोगों की मौत हो चुकी है,तब इस डॉक्टर ने अदालत के सामने खुद को बचाने के लिए एक ट्रक ड्राइवर को पेश करवा दिया था लेकिन जांच में पता चला कि वो ट्रक ड्राइवर है और हादसे के वक्त वो बरेली में था.

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इलाज कराने आए मरीजों से सर्जरी के नाम की मोटी कमाई
सीबीआई के मुताबिक, एक शिकायत मिली कि डॉक्टर मनीष रावत अपने कुछ करीबियों अवनेश पटेल ,मनीष शर्मा,कनिष्क सर्जिकल के मालिक दीपक कट्टर और दीपक कट्टर के कर्मचारी कुलदीप के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश के तहत इलाज कराने आए मरीजों से मेडिकल सलाह देने और अस्पताल के नियमों को ताक पर रखकर सर्जरी करने के नाम पर उनसे पैसे ले रहा है.जांच में पता चला कि डॉक्टर मनीष मरीजों से सर्जरी के लिए दीपक कट्टर के कनिष्क सर्जरी से उपकरण लेने की सलाह देता था और मरीज जब वहां उपकरण लेने जाते तो उन्हें ये उपकरण बहुत ऊंचे दामों में दिए जाते हैं. इसमें से काफी पैसा डॉक्टर मनीष को मिलता था.

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अपॉइंटमेंट और जल्द सर्जरी करवाने का झांसा देकर ऐंठे पैसै
इसके साथ ही जांच में ये पता चला कि डॉक्टर मनीष के कहने पर अवनेश पटेल मरीजों के अटेंडेंट से संपर्क करता था और उनसे कहता था कि अगर वो रिश्वत देंगे तो उन्हें डॉक्टर मनीष का अपॉइंटमेंट मिल जाएगा या फिर सर्जरी की जल्दी तारीख चाहिए तो वो भी मिल जायेगी. अवनेश मरीजों से मिले पैसे को दीपक कट्टर के कर्मचारियों मनीष शर्मा और कुलदीप को देता था या फिर उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देता था.ये भी पता चला कि हाल ही में तीन मरीजों से 1,15000,30000 और 25 हजार रुपए लिए गए हैं. ये पैसा आगे बरेली के रहने वाले गणेश चंद्रा की कंपनियों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो रहा है, जो बाद में डॉक्टर मनीष को वापस मिल जाता था.

सीबीआई के मुताबिक, हाल ही में केरल के टूर के लिए बिचौलिए अवनेश पटेल ने डॉक्टर मनीष को 1 लाख रुपए ट्रांसफर किए. उसकी पत्नी की साड़ी के लिए क्यूआर कोड के जरिए 19 हजार रुपए भेजे. सीबीआई ने दिल्ली में सफदरजंग अस्पताल इसके अलावा कुछ और जगहों और उत्तर प्रदेश में छापेमारी कर डॉ मनीष रावत, अवनेश पटेल, मनीष शर्मा, दीपक खट्टर और कुलदीप को गिरफ्तार कर लिया था.

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