- ब्राजीलियाई महिला लारिसा नेरी की तस्वीर राहुल गांधी के वोट चोरी आरोपों के बाद वायरल हुई थी
- NDTV से लारिसा ने बताया कि वह मॉडल नहीं बल्कि कई सालों से एक हेयरड्रेसर हैं और तस्वीर आठ साल पुरानी है
- उन्होंने माना कि इस तस्वीर के राजनीतिक विवाद में आने से उन्हें डर लगा और यह सब पागलपन जैसा लगा
भारत में इस वक्त एक ब्राजीलियाई महिला की बड़ी चर्चा है, जिसकी तस्वीर कथित वोट चोरी पर राहुल गांधी के ताजा आरोपों के बाद वायरल हुई थी. राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस महिला की तस्वीर दिखाकर दावा किया कि वह ब्राजीलियाई मॉडल है और उसे सीमा, स्वीटी और सरस्वती जैसे नामों के साथ हरियाणा की मतदाता सूची में "22 बार इस्तेमाल किया गया". अब इस महिला की पहचान लारिसा नेरी के रूप में हुई है, जिन्होंने एनडीटीवी से बात की है. उन्हें लगा कि यह पूरा "पागलपन" आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI का परिणाम था. राहुल गांधी का दावा था कि यह महिला एक मॉडल है जबकि वह एक सैलून में हेयरड्रेसर है और उन्होंने कहा कि जब उनकी तस्वीर एक बड़े विवाद का केंद्र बन गई तो उन्हें "डर" महसूस हुआ.
लारिसा ने एनडीटीवी को बताया, "पहले तो मुझे समझ नहीं आया कि वास्तव में क्या हुआ था. मुझे लगा कि यह एक बुरा मजाक है. मुझे लगा कि यह AI है. शुरुआत में जब मैंने बैकग्राउंड में अपनी तस्वीर के साथ वीडियो देखा तो मुझे लगा कि यह फनी है. लेकिन जब मुझे समझ आया कि क्या हो रहा है, तो मैं डर गई. अब मुझे नहीं पता कि क्या करूं क्योंकि मैं अनिश्चित हूं कि लोग मेरी फोटो के साथ क्या कर रहे हैं. मैं इन मीम्स को समझ नहीं पा रही हूं जो वे मेरी फोटो के साथ बना रहे हैं, क्योंकि मैं भाषा नहीं जानती हूं."
"आठ साल पहले की है वो तस्वीर"
लारिसा ने साफ किया कि उसकी वायरल हो रही तस्वीर लगभग आठ साल पहले ली गई थी जब वह लगभग 20 साल की थी. उन्होंने कहा कि उनकी यह तस्वीर उनके एक फोटोग्राफर मित्र के लिए खींची थी. उन्होंने कहा, "मैंने यह तस्वीर अपने एक दोस्त के लिए क्लिक करवाई थी जो उस समय फोटोग्राफर था. मैंने उसकी मदद करने के लिए यह तस्वीर खींचवाई थी. यह मेरे घर के सामने एक दीवार के पास खींची गई थी, इसलिए यह पेशेवर (प्रोफेशनल) भी नहीं थी. मैं कभी मॉडल नहीं थी. वास्तव में, मैं एक हेयरड्रेसर हूं और मैं कई सालों से ऐसा कर रही हूं. मैं सिर्फ एक नॉर्मल इंसान हूं जो इस पागलपन के बीच में फंस गई."
'नीली डेनिम जैकेट पहने महिला' शीर्षक वाली यह तस्वीर अनस्प्लैश और पेक्सल्स जैसी स्टॉक फोटोग्राफी वेबसाइटों पर फ्री में डाउनलोड के लिए उपलब्ध है. हालांकि इन वेबसाइटों पर लारिसा का नाम नहीं है, लेकिन इसके फोटोग्राफर मैथ्यूस फ़रेरो हैं, जो ब्राजीलियाई शहर बेलो होरिज़ोंटे में रहते हैं. इस तस्वीर को इन दोनों वेबसाइट्स से 4 लाख से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है.
सोशल मीडिया पर अचानक से मिल रहे रिएक्शन पर लारिसा ने कहा, "कुछ लोगों ने मुझे इंस्टाग्राम पर खोजना शुरू कर दिया- कुछ भारतीय, अन्य ब्राजीलियाई. मुझे इंस्टाग्राम डायरेक्ट मैसेज के जरिए से वह वीडियो भेजना शुरू कर दिया जो वायरल हो रहा था, जिसमें सामने एक आदमी दिख रहा था... और उसके पीछे एक बड़ी स्क्रीन पर मेरी तस्वीर थी."
"मैं कभी ब्राजील से बाहर नहीं गई, कोई पॉलिटिकल लिंक नहीं"
लारिसा ने NDTV से बात करते हुए अपने किसी भी पॉलिटिकल लिंक से इनकार किया. उन्होंने कहा, "नहीं, मैं किसी को नहीं जानती. मैंने उनमें से किसी के बारे में कभी नहीं सुना है. मैं किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम में भाग नहीं लेती, ईमानदारी से कहूं तो ब्राजील में भी नहीं, विदेश में तो बिल्कुल भी नहीं. मैं कभी भारत नहीं गई और वास्तव में तो मैंने कभी ब्राजील छोड़ा भी नहीं."
क्या लारिसा कोई कानूनी कदम उठाएंगी?
कानूनी कदम उठाने के सवाल पर लारिसा ने कहा, "तो, मेरा अगला कदम, ईमानदारी से कहूं तो, मैं अभी भी नहीं जानती... मैं शुरू से ही अपने वकील के संपर्क में रही हूं, यहां तक कि लोगों द्वारा मेरे इंस्टाग्राम की खोज करने से पहले भी... लेकिन ऐसा लगता है कि यह ब्राजील में उतना बड़ा मुद्दा नहीं होगा जितना कि विदेश में है... इसलिए मुझे अभी भी नहीं पता कि मैं इसके बारे में खुद को कैसे पोजिशन में रखूंगी. क्योंकि किसी की तस्वीर का अनुचित उपयोग एक अपराध है, है ना?"
क्या लारिस को लगता है कि उनका शोषण हो रहा है, इसपर उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से. अगर यह कुछ अच्छा होता, जो मेरे काम को बढ़ावा दे रहा होता... la बेशक मैं बहुत खुश होतr... लेकिन इसका इस्तेमाल किसी बहुत दुखद चीज़ के लिए किया गया था, है ना? इसे किसी दुखद चीज से गुज़रते हुए देखना दुखद है, और यह जानना दुखद है कि मेरी तस्वीर इस प्रकार की चीज से जुड़ी हुई थी."














