पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPR&D), गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) और साइबरपीस फाउंडेशन के सहयोग से कानून प्रवर्तन के लिए स्वदेशी और सुरक्षित सीसीटीवी समाधान विकसित करने हेतु राष्ट्रीय हैकाथॉन का आयोजन शुरू किया है. यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में साइबर-सुरक्षित भारत के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
हैकाथॉन का उद्देश्य और महत्व
इस हैकाथॉन का मुख्य लक्ष्य भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों की जरूरतों के अनुरूप सुरक्षित, स्केलेबल और लागत प्रभावी सीसीटीवी समाधान विकसित करना है. BPR&D ने नवप्रवर्तकों, स्टार्ट-अप्स और अनुसंधान संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए इस मंच की शुरुआत की है, ताकि वे स्वदेशी तकनीकों के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा को सशक्त बना सकें. हैकाथॉन के जरिए विकसित समाधान पुलिसिंग में पारदर्शिता, जवाबदेही और संचालन दक्षता को बढ़ाने में परिवर्तनकारी भूमिका निभाएंगे.
हैकाथॉन की शुरुआत और प्रमुख फोकस क्षेत्र
हैकाथॉन का शुभारंभ 9 मई 2025 को BPR&D के महानिदेशक, NCRB के निदेशक, अपर महानिदेशक (BPR&D) और महानिरीक्षक (आधुनिकीकरण, BPR&D) की उपस्थिति में किया गया. आयोजन में चार प्रमुख समस्या विवरण जारी किए गए.
- स्वदेशी सीसीटीवी हार्डवेयर और प्रणालियों का विकास
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्मार्ट वीडियो एनालिटिक्स का एकीकरण
- सीसीटीवी नेटवर्क में साइबर सुरक्षा को मजबूत करना
- किफायती और कुशल निगरानी समाधान डिजाइन करना
इन चुनौतियों का उद्देश्य निगरानी प्रौद्योगिकी, सुरक्षित डेटा प्रबंधन और नियामक अनुपालन में प्रगति को बढ़ावा देना है, ताकि देशभर में मजबूत और मानकीकृत सीसीटीवी प्रोटोकॉल लागू किए जा सकें.
ग्रैंड फिनाले और पुरस्कार
हैकाथॉन का ग्रैंड फिनाले जून 2025 के अंतिम सप्ताह में आयोजित होगा, जिसमें शीर्ष तीन प्रविष्टियों को नकद पुरस्कार दिए जाएंगे. प्रथम पुरस्कार 5 लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार 3 लाख रुपये और तृतीय पुरस्कार 1 लाख रुपये का होगा. इसके अतिरिक्त, पांच अन्य उत्कृष्ट प्रविष्टियों को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे. साइबरपीस फाउंडेशन द्वारा तकनीकी सहायता और NCRB के सहयोग से संचालित यह हैकाथॉन नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. BPR&D की इस पहल को साइबर-सुरक्षित भारत के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा–