कैडबरी की 'हेल्थ ड्रिंक' बॉर्नविटा में एडेड शुगर की मात्रा को लेकर करीब आठ महीने पहले एक सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर ने ध्यान आकर्षित किया था, जिसके बाद अब कंपनी ने एडेड शुगर की मात्रा 14.4 प्रतिशत कम कर दी है. पहले बोर्नविटा में प्रति 100 ग्राम पाउडर में 37.4 ग्राम एडेड शुगर होती थी. हालांकि नई पैकेजिंग से पता चलता है कि कमी के बाद प्रति 100 ग्राम में 32.2 ग्राम एडेड शुगर है. सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर ने अपनी इस 'जीत' पर कहा कि यह लड़ाई 140 करोड़ भारतीयों को स्वस्थ भोजन दिलाने की है.
यह कदम हेल्थ इन्फ्लुएंसर और सोशल मीडिया एक्टिविस्ट रेवंत हिमतसिंग्का ने पेय में उच्च शुगर कंटेंट उजागर करने के बाद उठाया गया है. कंपनी के बड़े कदम के बाद हिमतसिंगका ने शनिवार को एक इंस्टाग्राम रील में इस बदलाव को साझा किया और इसे ''बड़ी जीत'' कहा.
उन्होंने वीडियो साझा करते हुए कहा, ''बड़ी जीत! संभवतः इतिहास में पहली बार हुआ कि किसी इंस्टाग्राम रील के कारण किसी खाद्य दिग्गज को शुगर कंटेंट कम करना पड़ा! एक वीडियो के कारण शुगर में 15 फीसदी की कमी आई है. कल्पना कीजिए यदि सभी भारतीय खाद्य लेबल पढ़ना शुरू कर दें. कंपनियां खुद को गलत तरीके से प्रचारित करने की हिम्मत नहीं करेंगी.''
साथ ही उन्होंने कहा, ''यह लड़ाई बॉर्नविटा के खिलाफ नहीं है. यह लड़ाई ऐसी किसी भी कंपनी के खिलाफ है जो जंक फूड बेचती है, लेकिन खुद को स्वास्थ्यवर्धक बताती है! लड़ाई 140 करोड़ भारतीयों को स्वस्थ भोजन दिलाने की है. उन्होंने कहा, ''एक कंपनी अपना शुगर कंटेंट बदल रही है, जिसके कारण एक श्रृंखलाबद्ध प्रतिक्रिया होगी और हर कंपनी अधिक सावधान रहेगी.''
यह मामला उस वक्त शुरू हुआ जब हिमतसिंग्का ने एक अप्रैल को एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें कैडबरी पर बोर्नविटा के स्वास्थ्य लाभों के बारे में झूठे दावे करने और उत्पाद के "पोषण मूल्य" के बारे में "मिस्कम्यूनिकेशन" का आरोप लगाया था. न्यूट्रिशनिस्ट और हेल्थ कोच के रूप में खुद को प्रस्तुत करने वाले हिमतसिंग्का ने दावा किया था कि बोर्नविटा में चीनी के साथ ही कैंसर पैदा करने वाला रंग भी है. साथ ही कहा, "प्रति 100 ग्राम में 50 ग्राम शुगर है. मूल रूप से इस बैग का पूरा आधा हिस्सा केवल शुगर है."
उन्होंने ब्रांड का मजाक भी उड़ाया और उनसे टैगलाइन ''तैयारी जीत की'' से ''तैयारी डायबिटीज की'' करने के लिए कहा था.
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