मोहन डेलकर खुदकुशी मामला: बॉम्बे HC ने प्रफुल्ल पटेल समेत सभी आरोपियों के खिलाफ को FIR किया रद्द

कोर्ट ने पूरे मामले में सभी नौ आरोपियों के खिलाफ FIR को रद्द कर दिया है. इसमें दादरा-नगर हवेली के एडमिनिस्ट्रेटर प्रफुल्ल पटेल भी शामिल हैं.

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मुंबई के एक होटल में सांसद मोहन डेलकर ने खुदकुशी करने के पहले अपने सुसायट नोट में सबका नाम लिखा था.
मुंबई:

सांसद मोहन डेलकर खुदकुशी मामले में गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है. कोर्ट ने पूरे मामले में सभी नौ आरोपियों के खिलाफ FIR को रद्द कर दिया है. इसमें दादरा-नगर हवेली के एडमिनिस्ट्रेटर प्रफुल्ल पटेल भी शामिल हैं. मुंबई के एक होटल में सांसद मोहन डेलकर ने खुदकुशी करने के पहले अपने सुसायट नोट में सबका नाम लिखा था. लेकिन कोर्ट ने अब सभी को राहत देने का काम किया है. 

नौ आरोपियों ने पिछले साल उच्च न्यायालय का रुख कर प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था. आरोपियों ने दावा किया था कि उन्हें मामले में फंसाया गया है. न्यायमूर्ति पी. बी. वारले और न्यायमूर्ति एस. डी. कुलकर्णी की खंडपीठ ने याचिकाओं को मंजूर करते हुए कहा कि कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए प्राथमिकी रद्द करने के वास्ते यह उपयुक्त मामला है.

बता दें, दादरा और नागर हवेली के सांसद मोहन डेलकर मुंबई के एक होटल में मृत पाए गए थे. अधिकारी ने बताया था कि मौत की वजह का पता लगाने के लिए उनका विसरा सुरक्षित रखा गया है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया था कि दादरा और नागर हवेली के 58 वर्षीय सांसद डेलकर का शव 22 फरवरी, 2021 को दक्षिणी मुंबई के एक होटल में छत के पंखे से लटका मिला था. उन्होंने कहा कि गुजराती में लिखा सुसाइड नोट भी संबंधित स्थल से बरामद हुआ.

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डेलकर के परिवार के सदस्यों के मरीन ड्राइव पुलिस थाने जाकर डेलकर के बेटे अभिनव की ओर से एक शिकायत दर्ज करने के बाद मुंबई पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप समेत और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत नौ मार्च, 2021 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी.

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डेलकर दादरा और नागर हवेली से सात बार सांसद निर्वाचित हुए. वह सातवीं बार वर्ष 2019 में निर्वाचित हुए. डेलकर को 1989,1991 और 1996 के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार और 1998 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में सफलता मिली थी. वह दोबारा कांग्रेस में शामिल हो गए और 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार तो बने लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. वह कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय मामलों संबंधी लोकसभा की स्थायी समिति के सदस्य थे. वहीं वह गृह मंत्रालय संबंधी निम्न सदन की सलाहकार समिति के सदस्य भी थे. डेलकर के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है.

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