लोन धोखाधड़ी मामला: ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर के तत्काल सुनवाई के अनुरोध को बॉम्बे HC ने किया खारिज

सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी अवैध बताते हुए हाई कोर्ट से राहत देने की मांग की थी और सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर रिहाई की गुहार लगाई थी. 

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इस मामले में कल वेणुगोपाल धूत को भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.

आईसीआईसीआई बैंक लोन घोटाले (ICICI Bank Loan Scam) में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर और उनके पति को तत्काल राहत देने से बॉम्बे हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया है. अदालत ने दो जनवरी को नियमित अदालत में अपील करने का दिया निर्देश. सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी अवैध बताते हुए हाई कोर्ट से इन्होंने राहत देने की मांग की थी और सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर रिहाई की गुहार लगाई थी. 

बता दें कि चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को केंद्रीय जांच एजेंसी ने शुक्रवार को अपने दिल्ली कार्यालय में संक्षिप्त पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. शनिवार को उन्हें मुंबई में विशेष अवकाशकालीन अदालत के न्यायाधीश एस एम मेनजोंगे के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उन्हें सीबीआई की हिरासत में भेज दिया.

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर कीं.

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हिरासत संबंधी सुनवाई के दौरान, जांच एजेंसी की ओर से पेश विशेष सरकारी वकील ए लिमोजिन ने दलील दी थी कि चंदा कोचर ने वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (वीआईईएल) को 300 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा को मंजूरी देकर आईपीसी की धारा 409 के तहत ‘आपराधिक विश्वासघात' भी किया. चंदा कोचर ने वीडियोकॉन समूह के प्रबंध निदेशक वी एन धूत से कथित रूप से प्राप्त 64 करोड़ रुपये को अपने पति की कंपनी न्यूपावर रिन्यूएबल लिमिटेड में निवेश करके अपने स्वयं के उपयोग के लिए परिवर्तित कर दिया.

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सीबीआई ने कल इस मामले में  वी एन धूत को भी गिरफ्तार किया है.

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