- टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस की रिपोर्ट के अनुसार मुंबई में 2050 तक हिंदुओं की आबादी घटकर 54% रह जाएगी
- मुंबई में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के बढ़ने से शहर की सामाजिक पहचान खतरे में बताई गई है
- रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई से बांग्लादेश हर महीने बड़ी रकम भेजी जा रही है जिससे आर्थिक नुकसान हो रहा है
बृह्नमुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव से पहले टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (TISS) रिपोर्ट की आग फिर से भड़क उठी है. आर्थिक राजधानी मुंबई को लेकर TISS की पिछले साल जारी हुई रिपोर्ट फिर वायरल हो रही है. 2024 विधानसभा चुनावों के दौरान जारी हुई टाटा इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट अब BMC चुनावों से पहले फिर से सियासी गलियारों में हड़कंप मचा रही है. बीजेपी ने एक बार फिर से इस पर चिंता जताई है.
बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या हो रही है, हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है. उसी समय मुंबई में बांग्लादेशी घुसपैठियों का आक्रमण चल रहा है. टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (TISS) उनकी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2050 तक मुंबई में हिंदुओं की संख्या घटकर 54% होगी और मुस्लिम 30% हो जाएंगे.
खतरे की घंटी: 88% से नीचे आकर 54% पर सिमटेंगे हिंदू?
इसके अनुसार, मुंबई में हिंदुओं की आबादी जो 1961 में 88% थी, वह 2011 में घटकर 66% रह गई है. अनुमान है कि 2051 तक यह गिरकर 54% से भी कम हो जाएगी. दूसरी ओर, मुस्लिम आबादी 1961 के 8% से बढ़कर 2011 में 21% हो गई है और 2051 तक इसके 30% तक पहुंचने का अनुमान है. TISS की इस स्टडी में जनसंख्या के आंकड़े ध्यान खींच रहे हैं.
घुसपैठियों का वोट-बैंक खेल!
रिपोर्ट में सीधा आरोप लगाया गया है कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को कुछ राजनीतिक दल 'वोट बैंक' की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. फर्जी दस्तावेजों के जरिए इनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल कराया जा रहा है, जो देश की लोकतांत्रिक अखंडता और आंतरिक सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है.
स्लम पर कब्जा, संसाधनों की लूट!
मुंबई की झुग्गियों की हालत पर ये रिपोर्ट कहती है, अवैध प्रवासी मुंबई के स्लम इलाकों में बेतहाशा भीड़ बढ़ा रहे हैं, जिससे बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सरकारी सेवाओं पर असहनीय दबाव पड़ रहा है. अवैध घुसपैठिए कम मजदूरी पर काम करके मुंबई के स्थानीय मजदूरों के हक पर भी डाका डाल रहे हैं. सर्वे में शामिल 50% से ज्यादा महिलाएं तस्करी का शिकार होकर देह व्यापार में धकेली गई हैं.
TISS Tata Institute Mumbai Report Muslims Bangladeshi
मुंबई का पैसा बांग्लादेश जा रहा!
आर्थिक मोर्चे पर भी रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है. घुसपैठियों का एक बड़ा हिस्सा करीब 40% हर महीने 10,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक की रकम बांग्लादेश भेज रहा है. यानी मुंबई की मेहनत की कमाई सरहद पार जा रही है.
TISS की यह रिपोर्ट साफ इशारा कर रही है कि अगर अब भी सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो मुंबई का भूगोल और इतिहास दोनों बदल सकते हैं.
रिपोर्ट में बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों की बढ़ती संख्या को इस बदलाव का मुख्य कारण बताया गया है. कहा गया है कि ये अवैध अप्रवासी शहर की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर रहे हैं. ये रिपोर्ट महाराष्ट्र में चुनावी माहौल के दौरान राजनीतिक चर्चा का फिर से बड़ा केंद्र बनी हुई है.













