दृष्टिहीन लोग भी बन सकते हैं जज... सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने यह अहम फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा नियम को खारिज कर दिया, जिसके तहत दृष्टिहीन लोगों को न्यायिक सेवाओं में नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में भाग लेने से रोक दिया गया था.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि देश में दृष्टिहीन लोग भी जज भी सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दृष्टिहीन लोगों को भी न्यायिक सेवाओं में नियुक्त किए जाने का अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट ने दृष्टिहीन व्यक्तियों को न्यायिक सेवाओं में नियुक्त किए जाने के अधिकार को बरकरार रखा है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा नियम रद्द कर दिया है. 

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने यह अहम फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा नियम को खारिज कर दिया, जिसके तहत दृष्टिहीन लोगों को न्यायिक सेवाओं में नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में भाग लेने से रोक दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक सेवाओं में दृष्टिहीन व्यक्तियों की नियुक्ति से संबंधित स्यो मोटो मामले में यह फैसला सुनाया है.  

इस मामले की उत्पत्ति मध्य प्रदेश में न्यायिक नियुक्तियों को नियंत्रित करने वाले नियमों में निहित है, जिसमें भेदभावपूर्ण भाषा का इस्तेमाल किया गया था. इस वजह से दृष्टिहीन लोग जज नहीं बन पाते थे. इस नियम को एक महिला द्वारा चुनौती दी गई थी, जिसका दृष्टिहीन बेटा न्यायपालिका में जाना चाहता था. जिसके कारण अदालत को एक पत्र लिखा गया था.

Featured Video Of The Day
Iran Israel War Latest Update: ईरान की मिसाईल को इंटरसेप्ट किया गया | Israel Iran Tensions
Topics mentioned in this article