45 दिनों तक आस्था, श्रद्धा और संस्कृति का केंद्र बना महाकुंभ आतंकवादियों के निशाने पर था. बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) का आतंकी लजर मसीह महाकुंभ के दौरान हमले की फिराक में था. लेकिन धार्मिक आयोजन में कड़ी सुरक्षा जांच के कारण वो इसमें सफल नहीं रहा और पुलिस के हत्थे चढ़ गया. महाकुंभ के लिए इसने 'आलू' प्लान बनाया था और बड़े हमले की साजिश रची थी. लेकिन पुलिस ने 'आलू' प्लान को फेल कर दिया और लजर मसीह को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के अनुसार उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले से बृहस्पतिवार तड़के गिरफ्तार किया गया लजर मसीह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई' के सीधे संपर्क में था.
क्या है बब्बर खालसा
- बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) एक खालिस्तानी आतंकवादी संगठन है.
- इसका मकसद पंजाब क्षेत्र से अलग कर एक स्वतंत्र खालिस्तान राष्ट्र बनाने का है.
- बीकेआई की स्थापना साल 1978 में हुई थी.
- इस गुट को मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने टैररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन्स की लिस्ट में सबसे ऊपर रखा है.
- साउथ एशिया टैररिज्म पोर्टल में इसे सबसे संगठित और खतरनाक समूह माना है.
- ये गुट फिलहाल कनाडा, यूके, यूएस के अलावा कई यूरोपियन देशों जैसे जर्मनी, फ्रांस और स्विटजरलैंड से भी संचालित हो रहा है.
आखिर क्या था 'आलू' प्लान
अमेरिका स्थित खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने महाकुंभ में हमला करने की कसम खाई थी. खुफिया एजेंसियों ने पुष्टि की है कि मसीह और उसके साथी ग्रेनेड की आपूर्ति किया करते थे. मसीह उन बीकेआई आतंवादियों को ग्रेनेड भी मुहैया कराता था, जिन्होंने पंजाब में पुलिस चौकियों पर हमले किए थे. ग्रेनेड को कोड भाषा में ‘आलू' कहा जाता था. दरअसल खुफिया एजेंसियों को चखमा देने के लिए खालिस्तानी नेटवर्क में ग्रेनेड को 'आलू' कोड दिया गया है.
उप्र एसटीएफ को आतंकी मसीह के पास से कुछ विस्फोटक सामग्री और अवैध हथियार मिले हैं. जब्त सामग्रियों में तीन सक्रिय हैंड ग्रेनेड, दो सक्रिय डेटोनेटर, एक विदेशी पिस्तौल और 13 विदेशी कारतूस शामिल हैं. इसके अलावा उसके पास से सफेद रंग का विस्फोटक पाउडर, एक आधार कार्ड जिसपर गाजियाबाद का पता है, बिना सिम कार्ड वाला एक मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है.
कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू?
- गुरपतवंत सिंह पन्नू को भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया है.
- एनआईए ने उसके संगठन सिख फॉर जस्टिस पर युवाओं को चरमपंथी बनाने और आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है.
- पन्नू को लेकर भारत और कनाडा के बीच पिछले कुछ समय से राजनयिक तनाव बना हुआ है.
- पेशे से वकील पन्नू का परिवार पहले पंजाब के एक गांव में रहता था.
- पंजाब में जन्मा पन्नू साल 1991 पन्नू अमेरिका चले गए, यहां उन्होंने एमबीए किया और फिर न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री ली.
भारत से फरार होने का था प्लान
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार के अनुसार मसीह ने प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान एक बड़े आतंकी हमले की साजिश रची थी. उन्होंने कहा, 'हालांकि, धार्मिक आयोजन में कड़ी सुरक्षा जांच के कारण वह अपनी साजिश को अंजाम नहीं दे सका.' साजिश को अंजाम नहीं दे सकने के बाद मसीह का इरादा फर्जी पासपोर्ट का उपयोग कर भारत से फरार होने और पुर्तगाल में शरण लेने का था. शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि उसका बब्बर खालसा के एक सदस्य के साथ संबंध था, जो पहले ही फर्जी यात्रा दस्तावेज के जरिए दुबई से भागा है.
पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आतंकवादी बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के जर्मनी स्थित मॉड्यूल के प्रमुख स्वर्ण सिंह उर्फ जीवन फौजी के लिए काम करता है. फौजी पाकिस्तान स्थित बीकेआई ‘मास्टरमाइंड' हरविंदर रिंदा और अमेरिका स्थित बीकेआई कार्यकर्ता हैप्पी पासियन का प्रमुख सहयोगी है.
पंजाब पुलिस का कहना है कि फौजी के निर्देश पर मसीह ने राज्य में कई आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया था, जिसमें 23 अक्टूबर 2024 को बटाला में गोलीबारी और कलानौर और डेरा बाबा नानक में लक्षित हत्या के लिए हथियार और अन्य जरूरी सहायता प्रदान करना शामिल था
- उत्तर प्रदेश के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और पंजाब पुलिस के संयुक्त अभियान में बृहस्पतिवार तड़के कौशांबी जिले से बीकेआई के 'सक्रिय आतंकवादी' लजर मसीह को गिरफ्तार किया गया था.
- पंजाब के अमृतसर के रामदास क्षेत्र के कुरलियां गांव निवासी आरोपी लजर मसीह को तड़के करीब 3:20 बजे गिरफ्तार किया गया था.
- बब्बर खालसा इंटरनेशनल के इस आतंकी की गिरफ्तारी से पाकिस्तान से भारत में हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी की पुष्टि भी हुई है.
- डीजीपी ने बताया कि मसीह पाकिस्तान में आईएसआई के तीन एजेंटों के संपर्क में था.
- वह पूर्व में हथियारों और हेरोइन की तस्करी के मामले में जेल जा चुका है, लेकिन 24 सितंबर, 2024 को अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल में इलाज के दौरान भाग गया था.
- भागने के बाद उसने 23 अक्टूबर 2024 को पंजाब के बटाला में स्वर्ण सिंह उर्फ जीवन फौजी के इशारे पर गोली चलाई थी जिसके बाद वह सोनीपत और दिल्ली में छिपा रहा.
- मसीह पंजाब में पुलिस चौकियों पर हमलों में शामिल बीकेआई के सदस्यों को कूट संकेतों के जरिए ग्रेनेड की आपूर्ति करता रहा है और वह पीलीभीत में मारे गए आतंकी विरेश सिंह उर्फ रवि के भी संपर्क में था.
- उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक, मसीह अमेरिका स्थित एक खालिस्तानी आतंकी से जुड़े अजनाला स्थित एक शख्स और कतर में छिपे एक अन्य आतंकी के निरंतर संपर्क में था.
- डीजीपी कुमार ने बताया, मसीह आतंकी गतिविधियों के लिए धन उपलब्ध कराने में पंजाब के मादक पदार्थ और फिरौती के अपने गिरोह का उपयोग कर रहा था.
- मुक्तसर जेल में एक साथी कैदी के जरिए आईएसआई के लोगों से उसका संपर्क स्थापित हुआ. कैदी ने उसे सीमा पार से ड्रोन का उपयोग कर हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले लोगों से संपर्क कराया.