बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने एनडीटीवी को दिए खास इंटरव्यू में कहा कि देश में अराजकता का माहौल है. पूरी संवैधानिक संस्थाओं को तबाह किया जा रहा है, उसमें हमारी ड्यूटी है कि समाजवादी लोगों को सहयोग करें. कभी वह नीतीश को 'पलटू चाचा' कह चुके हैं, इस पर तेजस्वी ने कहा कि यहां किसी पार्टी या किसी व्यक्ति का सवाल नहीं है, देश का सवाल आता है तो इन बातों का कोई महत्व नहीं है. इनकी मानसिकता बताती है कि क्षेत्रीय पार्टियों को खत्म करो, विपक्ष को खत्म करो. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ये बात बिहार में आकर कही, वे बिहार आकर चुनौती दे रहे हैं, लोकतंत्र में हम ये कैसे बर्दाश्त करेंगे.
क्या गांरटी नीतीश फिर नहीं बदलेंगे? इस सवाल पर वह बोले कि हम समाजवादी है. उन्होंने हम पर आरोप लगाए, हमने उन पर, लेकिन एक घर के हैं. हमारे पुरखों की विरासत को कोई और कैसे छीन सकता है. नीतीश कुमार हमारे पिता के संघर्ष के साथी रहे हैं. हम उन्हें शुरू से देख ही रहे हैं. व्यक्तिगत लड़ाई हमारी ना पीएम मोदी से है ना नीतीश से. हम विचारधारा, मुद्दों और नीति सिद्धांत की राजनीति करते हैं. जो बड़े और अनुभवी हैं, सीखने को तो सबसे मिलता है. आदर और सम्मान तो सबका है.
आरजेडी के लिए कहा जाता है कि वे सबकुछ कर सकते हैं, लेकिन गवर्नेंस नहीं? इस पर उन्होंने कहा कि पहले समय सामाजिक न्याय का था आज का दौर आर्थिक न्याय का है. 18 महीने के हमारे कार्यकाल में कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा. ऐसा कैसे कह सकते हैं.
10 लाख लोगों को नौकरी देने का वादे पर उन्होंने कहा कि ट्रस्ट वोट के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार और उसके बाद इस पर काम करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश से बात हुई है, वे खुद इस मामले पर गंभीर हैं. सड़क से सदन तक बेरोजगारी हमारा प्रमुख मुद्दा है. इसी मुद्दे के आधार पर जनता ने हमें सबसे बड़ी पार्टी बनाया. आप कह सकते हैं कि इस वादे को मिलकर पूरा करेंगे.
आरजेडी का आधारभूत वोटर है, कहा जाता है कि उनका सामाजिक व्यवहार सत्ता में आकर बदल जाता है, इस पर तेजस्वी ने कहा कि जो काल्पनिक सोच है. बदलाव दिख रहा है, आगे भी बदलाव दिखेगा. जो गलत करेगा, उसको सजा मिलेगी.
'जंगल राज इज बैक' के स्लोगनों पर तेजस्वी ने कहा कि उन्हें चीख-चीख कर कहने दीजिए. प्रधानमंत्री और अमित शाह चीखते रह गए, लेकिन जनता ने हमको वोट दिए. जनता नहीं मान रही है, कहने वालों को कहने दीजिए. जंगल राज तो वो होता है जहां आप कुछ नहीं बोल सकते. हमारी सरकार में तो हल्ला बोला जाता है. भारत सरकार में उनका एमपी तक कुछ नहीं बोल सकता.