BJP ने कैग रिपोर्ट का हवाला देकर बंगाल सरकार पर ‘भ्रष्टाचार की जननी’ होने का आरोप लगाया

मजूमदार ने आरोप लगाया, ‘‘उनकी सरकार ने हर जगह जनता का पैसा लूटने की कोशिश की है. कैग की रिपोर्ट उनकी सरकार के चेहरे पर तमाचा है और उसे बेनकाब करती है.’’ भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कड़ी टिप्पणी करते हुए आरोप लगाया कि भले ही ममता बनर्जी ‘‘मां, माटी और मानुष’’ की बात करती हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में तृणमूल सरकार ‘सभी घोटालों की जननी’ है.

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बुधवार को भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की कथित रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार ‘सभी भ्रष्टाचार की जननी' है और तृणमूल कांग्रेस के शासनकाल में करीब दो लाख करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है.

भाजपा प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार जनता के पैसे को अपना पैसा मानकर दुरुपयोग कर रही है.

मजूमदार ने आरोप लगाया, ‘‘उनकी सरकार ने हर जगह जनता का पैसा लूटने की कोशिश की है. कैग की रिपोर्ट उनकी सरकार के चेहरे पर तमाचा है और उसे बेनकाब करती है.'' भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कड़ी टिप्पणी करते हुए आरोप लगाया कि भले ही ममता बनर्जी ‘‘मां, माटी और मानुष'' की बात करती हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में तृणमूल सरकार ‘सभी घोटालों की जननी' है.

उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ‘चोर' और ‘भ्रष्टों की सरगना' हैं. भाटिया ने कहा, ‘‘यह दो विचारधाराओं की लड़ाई है.'' उन्होंने दावा किया कि विपक्षी ‘इंडिया' गठबंधन (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) के सभी घटक उस विचारधारा के हैं, जिसके केंद्र में भ्रष्टाचार और परिवार का शासन है, जबकि मोदी सरकार ईमानदारी को प्रोत्साहित करने वाली और समाज को भ्रष्टाचार से छुटकारा दिलाने वाली है.

भाटिया और मजूमदार के मुताबिक रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है कि निर्धारित समय के भीतर पूर्ण परियोजनाओं के लिए करीब 2.4 लाख उपयोगिता प्रमाण-पत्र जमा करने की आवश्यकता थी, लेकिन राज्य सरकार ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने कहा कि करीब 1.95 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं के लिए उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं कराया गया है.

दोनों नेताओं ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार ने आपातकालीन निधि से 3,400 करोड़ रुपये निकाले थे और एक तिहाई राशि गृह मंत्रालय के उपयोग के लिए थी, जिसकी प्रमुख वह स्वयं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के पास इस राशि का कोई लेखा-जोखा नहीं है.

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भाटिया ने सवाल किया, ‘‘क्या यह राशि रोहिंग्याओं, उनके परिवार के सदस्यों को दिया गया था, या दंगे भड़काने के लिए दिया गया.'' भाटिया ने आरोप लगाया कि चाहे कांग्रेस हो, या आम आदमी पार्टी (आप), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) या तृणमूल कांग्रेस किसी को यह नहीं मानना चाहिए कि वे कानून से ऊपर हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह का अहंकार रखने वाले कई नेता सलाखों के पीछे हैं.

भाटिया ने कहा कि वह भूल गई हैं कि कानून का डंडा बड़े से बड़े भ्रष्टाचारी को सीधा कर देता है. उन्होंने हाल की एक घटना के लिए राज्य सरकार पर निशाना साधा, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर एक तृणमूल नेता के समर्थकों ने तब हमला कर दिया था जब वे भ्रष्टाचार के एक मामले की जांच के सिलसिले में उसके घर छापेमारी करने गए थे.
 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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