भारत हम जोड़ रहे हैं, ‘दरबारियों’ कांग्रेस जोड़ो : गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर BJP का तंज

पहले से ही संकट में घिरी कांग्रेस को आजाद के इस्तीफे से एक और झटका लगा है. इससे पहले भी कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
गुलाम नबी आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया.
नई दिल्ली:

कांग्रेस से वरिष्ठ नेता व राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि ‘‘भारत जोड़ने'' का काम वह कर रही है इसलिए उसके (कांग्रेस के) ‘‘दरबारियों'' को ‘‘कांग्रेस जोड़ो'' अभियान चलाना चाहिए. ज्ञात हो कि आजाद ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया.

पहले से ही संकट में घिरी कांग्रेस को आजाद के इस्तीफे से एक और झटका लगा है. इससे पहले भी कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं.

"ऐसे वक्त में कांग्रेस छोड़ी है....": गुलाम नबी आज़ाद के इस्तीफे पर बोले कांग्रेस नेता

पार्टी में बदलाव की मांग करने वाले जी-23 समूह में शामिल आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे पांच पृष्ठ के त्यागपत्र के अंतिम पृष्ठ पर अन्य बातों के साथ यह भी कहा कि पार्टी नेतृत्व को ‘‘भारत जोड़ो'' यात्रा निकालने से पहले ‘‘कांग्रेस जोड़ो'' की कवायद करनी चाहिए थी.

भाजपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर आजाद के पत्र के पांचवें पृष्ठ को साझा किया और ‘‘कांग्रेस जोड़ो'' के सुझाव वाले हिस्से को रेखांकित करते हुए कहा, ‘देश हम जोड़ रहे हैं, आप कांग्रेस जोड़ो 'दरबारियों'.'

आजाद से पूर्व, कांग्रेस छोड़ चुके कई नेता पहले से ही आरोप लगा चुके हैं कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व ‘दरबारियों' से घिरा हुआ है.

आखिर क्यों नाराज़ थे दिग्गज नेता, कांग्रेस से 'आज़ाद' होने के पीछे 'गुलाम' की क्या है रणनीति...?

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक ट्वीट कर कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ‘कांग्रेस दरबार' ऐसे किसी भी व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं कर सकता जो आजाद हो, वह सिर्फ गुलाम चाहता है.

Advertisement

"कांग्रेस ऐसी स्थिति में पहुंच गई, जहां..." : पढ़ें गुलाम नबी आज़ाद का 'विस्फोटक' इस्तीफ़ा

उन्होंने कहा, ‘पांच साल पहले मैंने कहा था-कांग्रेस शुद्ध रूप से परिवार है और वह कामकाजी प्रदर्शन से ऊपर है, वहां आंतरिक लोकतंत्र नहीं है, कोई जवाबदेही नहीं है और वहां चापलूसी को प्रतिभा से अधिक वरीयता दी जाती है. आज मैं एक बार फिर सही साबित हुआ हूं.'

Advertisement

सोनिया गांधी को गुलाम नबी आजाद की चिट्ठी के 10 मुख्य प्वाइंट

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Maharashtra Politics: कल खुला ऑफर, आज मुलाकात..Fadnavis और Uddhav Thackeray के बीच आखिर चल क्या रहा?
Topics mentioned in this article