"बंगाल में लोकतंत्र है या नहीं ? " : किसी भी संसदीय समिति की अध्यक्षता नहीं मिलने से नाराज TMC पर BJP का तंज

खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों से संबंधित संसदीय समिति के अध्यक्ष का पद तृणमूल कांग्रेस के पास था लेकिन फेरबदल के बाद उसे इस समिति की अध्यक्षता नहीं सौंपी गयी है.

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फेरबदल के बाद टीएमसी को खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों से संबंधित संसदीय समिति की अध्यक्षता नहीं सौंपी गयी है.
नई दिल्ली:

किसी भी संसदीय समिति की अध्यक्षता नहीं मिलने से नाराज तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सूत्र ने तंज कसा है. सूत्र ने कहा बीजेपी को पश्चिम बंगाल में विधानसभा के एक भी समिति की अध्यक्षता नहीं दी गई है. यहां तक कि किसी समिति का सदस्य तक नहीं बनाया गया है. पहले टीएमसी को यह बताना चाहिए कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र है या नहीं. 

दरअसल, संसदीय समितियों में फेरबदल को लेकर मंगलवार को की गयी घोषणा के अनुसार विपक्षी दलों को गृह विभाग और सूचना प्रौद्योगिकी समेत चार अहम संसदीय समितियों में से किसी में भी अध्यक्ष पद नहीं मिला है. इस फेरबदल के साथ गृह विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, रक्षा विभाग, विदेश विभाग, वित्त विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी छह बड़ी संसदीय समितियों के अध्यक्ष के पद भाजपा या उसके सहयोगी दलों के पास चले गए हैं. 

एक बड़े फेरबदल में कांग्रेस ने गृह विभाग और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की संसदीय समिति की अध्यक्षता गंवाई; तृणमूल कांग्रेस तीसरी सबसे बड़ी पार्टी, लेकिन उसे किसी समिति की अध्यक्षता नहीं मिली. संसदीय समितियों में फेरबदल को लेकर मंगलवार को की गयी घोषणा के अनुसार विपक्षी दलों को गृह विभाग और सूचना प्रौद्योगिकी समेत चार अहम संसदीय समितियों में से किसी में भी अध्यक्ष पद नहीं मिला है. इस फेरबदल के साथ गृह विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, रक्षा विभाग, विदेश विभाग, वित्त विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी छह बड़ी संसदीय समितियों के अध्यक्ष के पद भाजपा या उसके सहयोगी दलों के पास चले गए हैं. 

गृह विभाग संबंधी संसदीय समिति के अध्यक्ष पद पर कांग्रेस सांसद अभिषेक मुन सिंघवी के स्थान पर अब भाजपा सांसद एवं सेवानिवृत आईपीएस अधिकारी बृजलाल को लाया गया है. सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी संसदीय समिति में अब कांग्रेस सांसद शशि थरूर की जगह शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट के सांसद प्रतापराव जाधव को अध्यक्ष बनाया गया है. खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों से संबंधित संसदीय समिति के अध्यक्ष का पद तृणमूल कांग्रेस के पास था लेकिन फेरबदल के बाद उसे इस समिति की अध्यक्षता नहीं सौंपी गयी है.

तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ‘‘ तृणमूल कांग्रेस संसद में तीसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है. दूसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी को भी एक भी अध्यक्ष पद नहीं मिला है. सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के हाथों से भी दो स्थायी समितियों के अध्यक्ष का पद चला गया है. यह नए भारत की कठोर सच्चाई है. '' स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण से संबंधित संसदीय समिति के अध्यक्ष पद से सपा नेता रामगोपाल यादव को हटा दिया गया है. खाद्य मामलों की संसदीय समिति की अध्यक्ष भाजपा सांसद लॉकेट बनर्जी और स्वास्थ्य मामलों से संबंधित समिति का अध्यक्ष उनके पार्टी सहयोगी विवेक ठाकुर को बनाया गया है. द्रमुक को उद्योग मामलों की संसदीय समिति की अध्यक्षता दी गई है जो अब तक टीआरएस के पास थी.

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