- BMC चुनावों के लिए मुख्यमंत्री फडणवीस और उपमुख्यमंत्री शिंदे ने गठबंधन सीट बंटवारे पर लगभग सहमति बनाई है
- अजित पवार की एनसीपी पुणे में सफल प्रदर्शन के बाद कई जगह अकेले चुनाव लड़ने की रणनीति पर है
- बीएमसी चुनाव के लिए महायुति ने सीट बंटवारे की योजना अंतिम चरण में पहुंचाई है, लेकिन आधिकारिक घोषणा अभी शेष है
महाराष्ट्र में नगर निगम चुनावों के लिए सोमवार की रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में मुंबई, पुणे और ठाणे के लिए सीट बंटवारे पर चर्चा हुई. बताया जा रहा है कि सीटों के बंटवारे पर लगभग-लगभग बात बन गई है और जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी. सूत्रों की मानें तो फडणवीस और शिंदे ने बैठक में यह निर्णय लिया कि अधिकतम नगर निगम सीटों पर गठबंधन (बीजेपी और शिवसेना) के तहत चुनाव लड़ा जाएगा. लेकिन अजित पवार की एनसीपी एक बार फिर 'एकला चलो' की रणनीति पर आगे बढ़ती नजर आ रही है.
अजित पवार की NCP अकेले लड़ेगी!
महाराष्ट्र में हाल ही में हुए निकाय चुनाव में अजित पवार की एनसीपी ने पुणे में शानदान प्रदर्शन किया था. ऐसे में अजित पवार के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि कई जगहों पर एनसीपी अकेले चुनाव लड़ेगी, लेकिन बीजेपी और शिवसेना महायुति साझेदार के रूप में एकजुटता दिखाती नजर आएंगी. बीएमसी चुनाव के लिए 10-15 सीटों का प्रस्ताव इस शर्त के साथ दिया गया है कि मुंबई में एनसीपी के चुनाव समन्वय प्रमुख नवाब मलिक को हटाया जाए. हालांकि, ऐसा लग नहीं रहा है कि अजित पवार इस शर्त को मानेंगे.
बीजेपी कब करेगी गठबंधन की घोषणा?
बीएमसी चुनाव के लिए महायुति ने रणनीति बना ली है, सीटों का बंटवार भी फाइनल स्टेज पर पहुंच गया है, लेकिन अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी और शिवसेना प्रतीक्षा कर रही हैं और स्थिति का जायजा ले रही हैं. बीएमसी के लिए गठबंधन की घोषणा ठाकरे बंधुओं के गठबंधन की औपचारिक घोषणा के बाद ही किया जाएगा. बीएमसी चुनाव के लिए नामांकन आज से शुरू हो रहे हैं और दोनों प्रतिद्वंद्वी खेमों में अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है.
बीएमसी चुनाव के लिए BJP का वॉर रूम रेडी
बृहन्मुंबई महानगरपालिका चुनावों की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. 15 जनवरी 2026 को मतदान और 16 जनवरी को मतगणना होने वाली है. इन चुनावों से पहले भाजपा ने अपनी तैयारी को और मजबूत कर लिया है. मुंबई भाजपा ने अपना 'वॉर रूम' और 'इलेक्शन ऑफिस' का उद्घाटन किया, जो पार्टी के चुनाव अभियान का कमांड सेंटर बनेगा. दरअसल, बीएमसी 2025-26 में 74,000 करोड़ रुपये से अधिक के बजट के साथ एशिया का सबसे बड़ा नगर निकाय है. ऐसे में सभी पार्टियां इसे लेकर काफी गंभीर नजर आती हैं. वैसे बता दें कि बीएमसी का चुनाव 2022 की शुरुआत में होना था. लेकिन ये टलता रहा. सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में एसईसी को 31 जनवरी तक नगर निकायों सहित स्थानीय निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया था. एसईसी ने कहा कि इन नगर निकायों में कुल 2,869 सीट के लिए मतदान होगा, जिनमें बीएमसी की 227 सीट भी शामिल हैं.
बढ़ा हुआ है महायुति का मनोबल
हाल के स्थानीय निकाय चुनावों में महायुति की प्रचंड जीत ने भाजपा का मनोबल बढ़ाया है. राज्य भर में 288 नगर परिषदों और पंचायतों में महायुति ने 217 से अधिक सीटें जीतीं, जबकि एमवीए महज 50 के आसपास सिमट गई. बता दें कि स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजों के बाद एनडीए कार्यकर्ताओं में उत्साह है. भाजपा का लक्ष्य मुंबई नगर निगम पर कब्जा जमाना है, जहां पिछले तीन दशकों से शिवसेना (अब यूबीटी) का दबदबा रहा है.
बीएमसी सहित 29 नगर निकायों के लिए चुनाव
मुंबई को छोड़कर, बाकी सभी नगर निकायों में बहु-सदस्यीय वार्ड हैं, जहां मतदाताओं को एक वार्ड में तीन से पांच सदस्यों के लिए मतदान करना होता है. मुंबई में एकल-सदस्यीय वार्ड हैं. बीएमसी के अलावा, जिन नगर निकायों में चुनाव होगा, उनमें नवी मुंबई, ठाणे, पुणे, नासिक, नागपुर, छत्रपति संभाजीनगर, वसई-विरार, कल्याण-डोंबिवली, कोल्हापुर, उल्हासनगर, पिंपरी-चिंचवड, सोलापुर, अमरावती, अकोला, लातूर, परभणी, चंद्रपुर, भिवंडी-निजामपुर, मालेगांव, पनवेल, मीरा-भायंदर, नांदेड़-वाघाला, सांगली-मिराज, कुपवाड, जलगांव, धुले, अहिल्यानगर, इचलकरंजी और जालना शामिल हैं. राज्य की 29 महानगरपालिकाओं में से इचलकरंजी और जालना नगर निकाय नवगठित निकाय हैं. शेष 27 में से पांच नगर निकायों का कार्यकाल 2020 में और मुंबई सहित 18 महानगरपालिकाओं का कार्यकाल 2022 में समाप्त हो गया था. तीन नगर निकायों का कार्यकाल 2023 में समाप्त हुआ.













