भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस सप्ताह हटाए गए सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने रविवार को फिर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के उस बयान को लेकर निशाना साधा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 'खालिस्तानियों' ने वारदात को अंजाम दिया. वरुण गांधी ने मंत्री का नाम लिए बिना कहा कि यह घटना को सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश थी. इससे पहले उन्होंने इस वारदात को 'हत्या' करार देते हुए जवाबदेही की मांग की थी.
बता दें, अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को शनिवार रात यूपी पुलिस ने चार किसानों को कार से कुचलने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था. घटना पिछले रविवार की थी, लेकिन पूरे देश में पैदा हुए रोष और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद शनिवार को आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया गया. आशीष पर आरोप है कि पिछले रविवार को मंत्रियों का विरोध कर रहे किसानों पर उसने गाड़ी चढ़ा दी थी.
वरुण गांधी ने रविवार को ट्वीट किया है, 'लखीमपुर खीरी कांड को हिंदू बनाम सिख लड़ाई में बदलने की कोशिश की जा रही है. यह न केवल एक अनैतिक और झूठी कहानी है, बल्कि उन घावों को फिर से खोलना खतरनाक है, जिन्हें ठीक होने में एक पीढ़ी लग गई. हमें राष्ट्रीय एकता से ऊपर सियासी फायदे को नहीं रखना चाहिए.'
बाद में उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस वारदात का धर्म से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा, 'प्रदर्शन करने वाले किसानों का वर्णन करने के लिए खालिस्तानी शब्द का इस्तेमाल करना न केवल तराई के उन गौरवशाली बेटों की पीढ़ियों का अपमान है, जिन्होंने हमारी सीमाओं पर लड़ाई लड़ी और खून बहाया है, बल्कि यह हमारी राष्ट्रीय एकता के लिए भी बेहद खतरनाक है.'
वरुण गांधी केंद्र सरकार के नए कृषि नियमों के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में बोलते रहे हैं. पिछले रविवार को हुई वारदात, जिसमें चार किसानों की जान चली गई थी, वरुण गांधी अकेले भाजपा नेता थे, जिन्होंने इसको लेकर प्रतिक्रिया दी थी.
मंगलवार को, उन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर कार चढ़ाने का वीडियो ट्वीट कर इसे 'हत्या' करार देते हुए कहा था कि 'आत्मा को झकझोरने' को वीडियो काफी है. उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मृतक किसानों के परिवारों को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने और सीबीआई जांच कराने की मांग की थी.
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