केरल में BJP की एंट्री करवाने वाले गोपी बने मंत्री, ऐसा रहा है रील लाइफ से रियल लाइफ के हीरो बनने का सफर

सुरेश गोपी केरल के अलप्पुजा के रहने वाले हैं. उन्होंने एक बाल कलाकर के तौर पर फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री की थी. राजनीति में आने से पहले उन्होंने कई फिल्मों में काम किया.

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नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान ‘ट्रोल' किये गए ‘‘एक्शन हीरो'' सुरेश गोपी (Suresh Gopi) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट पर त्रिशूर सीट जीतकर केरल में भाजपा के लिए इतिहास रच दिया. इसके साथ ही, केरल में भाजपा का दशकों का संघर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में रंग लाया और गोपी के जरिये पार्टी का आखिरकार खाता खुला. जीत के बाद भी गोपी की राजनीतिक पारी में उतार-चढ़ाव देखने को मिले.

गोपी ने शुरू में केंद्र सरकार में मंत्री पद स्वीकार करने की अनिच्छा दिखाई थी. वह दो दिन पहले, दिल्ली में राजग सांसदों की बैठक में भाग लेने के बाद केरल लौट आए थे, लेकिन रविवार को उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का फोन आया और तुरंत दिल्ली पहुंचने को कहा गया. गोपी ने रविवार शाम राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली. लोकसभा के लिए चुने जाने से पहले, गोपी को 2016 में राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था. उच्च सदन में उनका कार्यकाल 2022 तक रहा.

सीपीआई के उम्मीदवार को हराया है चुनाव
आम चुनाव में, गोपी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के वी एस सुनील कुमार को रोमांचक मुकाबले में हराया था. निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, गोपी को 4,12,338 वोट मिले, जबकि कुमार को 3,37,652 मत मिले थे.  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. मुरलीधरन 3,28,124 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. 

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सुरेश गोपी अक्टूबर 2016 में भाजपा में शामिल हो गए थे. गोपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में त्रिशूर से हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें 2021 के विधानसभा चुनाव में भी हार झेलनी पड़ी थी. 

अंग्रेजी में मास्टर्स कर चुके हैं सुरेश गोपी
सुरेश गोपी केरल के अलप्पुजा के रहने वाले हैं. उन्होंने एक बाल कलाकर के तौर पर राजनीति में एंट्री की थी. कई फिल्मों में उन्होंने काम किया. 66 साल के गोपी साइंस ग्रेजुएट हैं और उन्होंने अंग्रेजी में मास्टर्स की डिग्री ली है. 

सुरेश गोपी का 32 साल का फिल्‍मी करियर है. उनके अभिनय जीवन की पहली बड़ी सफलता 1992 में आई फिल्‍म थलास्‍तानम से मिली. उन्‍होंने 250 से ज्‍यादा फिल्‍मों में अपने अभिनय कौशल का प्रदर्शन किया है. 1997 में आई फिल्‍म लेलम में उनके किरदार को काफी सराहा गया. इसके अगले ही साल 1998 में आई फिल्‍म कलियाट्टम के लिए उन्‍हें बेस्‍ट एक्‍टर के नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया. साथ ही उन्‍होंने एक लंबे वक्‍त तक टीवी शो भी होस्‍ट किया है.  

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