मध्यप्रदेश के इंदौर (Indore) के बीजेपी (BJP) के सांसद शंकर लालवानी (Shankar Lalwani) ने आज नेताजी सुभाषचंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की जयंती की जगह 'नेताजी चंद्रशेखर बोस' की जयंती मनाई! नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में वे नेताजी जैसी ही टोपी पहने हुए थे लेकिन जब भाषण देने की बारी आई तो उन्होंने पहले नेताजी को ''चंद्रशेखर आजाद'' कहा, फिर बात संभाली और नेताजी को ''चंद्रशेखर बोस'' कहा. उनके भाषण में नेताजी सुभाषचंद्र बोस आए ही नहीं!
इंदौर के सांसद ने नेताजी की जयंती पर एक कार्यक्रम में उनके कृतित्व का जिक्र करते हुए कहा कि ''नौकरी छोड़कर देश की सेवा के लिए काम किया. देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी. और जब अंग्रेज उनके पीछे पड़े तो उन्होंने अपना भेष बदलकर, यहां से, भारत से बाहर गए और आजाद हिंद फौज की रचना की. उन्होंने सैनिकों को इकट्ठा किया, जो भारत में अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए. ऐसे नेताजी चंद्रशेखर आजाद...चंद्रशेखर बोस की हम जयंती मना रहे हैं. और इस अवसर पर मैं यही कहूंगा कि उन्होंने जिस तरह अपने देश के लिए प्राण न्यौछावर किए हम सब भी अपने शहर समाज के उत्थान के लिए, देश को परम वैभव तक पहुंचाने के लिए पसीना बहाएं. और बहा भी रहे हैं हम, स्वच्छता में लगातार चार बार नंबर वन.''
गौरतलब है कि शनिवार को नेताजी सुषाषचंद्र बोस की 124वीं जयंती थी. इस जयंती के साथ नेताजी के 125वां जयंती वर्ष शुरू हुआ. इस मौके पर कोलकाता में हुए समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाग लिया. इसके अलावा जबलपुर, जहां नेताजी सुभाषचंद्र बोस कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे, में भी समारोह आयोजित किया गया.