“ये एक संदेश है”: जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ केस दर्ज कराने वाले बीजेपी नेता

जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेता अरूप डे ने कहा, "हम बीजेपी कार्यकर्ता हैं और हम प्रधानमंत्री मोदी जी के बारे में भ्रामक और साजिश रचने वाले पोस्ट और ट्वीट को बर्दाश्त नहीं करेंगे." भाजपा नेता ने कहा कि वे मेवाणी के खिलाफ पुलिस शिकायत के माध्यम से एक संदेश देना चाहते हैं. "

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गुवाहाटी:

असम पुलिस ने हाल ही में गुजरात के वडगाम से विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी को गिरफ्तार किया है. जिग्नेश मेवाणी की ये गिरफ्तारी उनके 18 अप्रैल के दो ट्वीटस की वजह से हुई है जिनमें उन्होंने कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'नाथूराम गोडसे का समर्थक' बताया था. मेवाणी के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने वाले अरूप कुमार डे बोडोलैंड इलाके में भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं. अरूप कुमार डे ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में "नकारात्मक" ऑनलाइन पोस्ट बीजेपी कार्यकर्ताओं को आहत करते हैं और लोगों को उनके बारे में ट्वीट करते समय "सावधान रहना चाहिए." 

अरूप कुमार डे, एक युवा भाजपा नेता, बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद (बीटीसी) के एक निर्वाचित सदस्य हैं और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के प्रभारी परिषद सरकार के कार्यकारी सदस्य हैं. मेवाणी पर आपराधिक साजिश, पूजा स्थल से संबंधित अपराध, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और शांति भंग करने के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है. डे ने कहा कि वह लंबे समय से मेवाणी के ट्वीट देख रहे थे. "वह हमेशा प्रधान मंत्री मोदी के बारे में नकारात्मक बोलते हैं. हम भाग्यशाली हैं कि मोदी जी हमारे प्रधान मंत्री हैं और मेवाणी हाल ही में (घटनाओं) हिंसा के साथ उनका नाम जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. क्या प्रधान मंत्री मोदी इसके लिए जिम्मेदार है? वह कहते हैं कि गोडसे प्रधानमंत्री मोदी के भगवान हैं, उनके पास क्या सबूत है?"

बोडोलैंड इलाके में भारतीय जनता पार्टी के नेता डे ने कहा, "हम बीजेपी कार्यकर्ता हैं और हम प्रधानमंत्री मोदी जी के बारे में इस तरह के भ्रामक और साजिश रचने वाले पोस्ट और ट्वीट को बर्दाश्त नहीं करेंगे."भाजपा नेता ने कहा कि वे मेवाणी के खिलाफ पुलिस शिकायत के माध्यम से एक संदेश देना चाहते हैं. "इस शिकायत के माध्यम से, हम दूसरों को, विशेष रूप से जन प्रतिनिधियों को संदेश देना चाहते हैं, कि वे प्रधान मंत्री मोदी के बारे में ट्वीट करते समय सावधान रहें. हमने प्राथमिकी दर्ज की, कड़ी धाराएं लगाईं क्योंकि मेवानी एक विशेष समुदाय को भड़काना चाहते थे.

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डे का कहना है कि मेवाणी के ट्वीट ने संकेत दिया कि वह हाल ही में गुजरात हिंसा के लिए प्रधान मंत्री को दोषी ठहरा रहे थे. कोई भी प्रधानमंत्री से शांति के लिए आग्रह कर सकता है, लेकिन किसी भी राज्य में हिंसा के लिए प्रधान मंत्री को दोष नहीं दे सकता. उनकी शिकायत का "राजनीति या आगामी चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है." उन्होंने कहा, "असम पुलिस के इस एक्शन से पता चला है कि यहां की पुलिस गतिशील मुख्यमंत्री हिमंत सरमा के शासन में बेहद सक्रिय है. इसलिए यदि किसी ट्वीट में सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने की क्षमता है, तो हम इस तरह से कार्रवाई करेंगे." .

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