'मोदी सरनेम' इन दिनों चर्चाओं में बना हुआ है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता को रद्द किए जाने के बाद 'मोदी सरनेम' एक नया मुद्दा बनता दिख रहा है. 'मोदी सरनेम' को लेकर खड़ा हुआ विवाद अभी थमा भी नहीं था कि बीजेपी नेता खुशबू सुंदर इसकी वजह से सुर्खियों में आ गईं हैं. दरअसल, 'मोदी सरनेम' को लेकर खड़े हुए विवाद के बीच खुशबू सुंदर का एक पुराना वीडियो सामने आया है. इस ट्वीट में उन्होंने 'मोदी सरनेम' को भ्रष्टाचार से जोड़कर बताने की कोशिश की है. यह ट्वीट वर्ष 2018 का है.
इस ट्वीट में खुशबू सुंदर ने लिखा कि यहां #Modi वहां #Modi जहां देखो #Modi... लेकिन ये क्या ?? हर #Modi के आगे #bhrashtachaar सरनेम लगा हुआ है.. तो बात को ना समझो..#Modi मतलब #bhrashtachaar.. चलिए #Modi का मतलब ही भ्रष्टाचार कर देते हैं.. ये ज्यादा बेहतर है..#Nirav #Lalit #Namo = भ्रष्टाचार.
न्यूज एजेंसी पीटीआई से खुशबू सुंदर ने कहा कि इससे साफ पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी मेरे पुराने ट्वीट को सामने लाने के लिए कितनी उतावली है. वो लोग जानबूझकर इस ट्वीट को सामने ला रहे हैं. बता दें कि खुशबू सुंदर 2020 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई थी.
गौरतलब है कि गुजरात की एक कोर्ट ने शुक्रवार को मोदी सरनेम को लेकर राहुल गांधी द्वारी की गई टिप्पणी के मामले में फैसला सुनाते हुए उन्हें दो साल की सजा का ऐलान किया था. इस घोषणा के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी. राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने के बाद उनकी बहन प्रियंका गांधी ने बड़ा बयान दिया.
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने शुक्रवार को आए इस फैसले के बाद एक बाद एक कई ट्वीट करते हुए पीएम मोदी पर हमला बोला. उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा था कि पीएम नरेंद्र मोदी जी आपके चमचों ने एक शहीद प्रधानमंत्री के बेटे को देशद्रोही, मीर जाफ़र कहा. आपके एक मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि राहुल गांधी का पिता कौन है? कश्मीरी पंडितों के रिवाज निभाते हुए एक बेटा पिता की मृत्यु के बाद पगड़ी पहनता है, अपने परिवार की परंपरा क़ायम रखता है…
प्रियंका गांधी इतने पर ही नहीं रुकीं. उन्होंने देश के लिए भगौड़े साबित किए जा चुके उद्योगपति जिनमें नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और ललित मोदी शामिल हैं, को लेकर भी ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि नीरव मोदी घोटाला- 14,000 Cr, ललित मोदी घोटाला- 425 Cr, मेहुल चोकसी घोटाला- 13,500 Cr. जिन लोगों ने देश का पैसा लूटा, भाजपा उनके बचाव में क्यों उतरी है? जांच से क्यों भाग रही है? जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं उन पर मुकदमे लादे जाते हैं. क्या भाजपा भ्रष्टाचारियों का समर्थन करती है?