नीतीश कुमार ने बीजेपी से अलग होने की घोषणा की...
Bihar Political Crisis: जेडीयू विधायकों के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया है. अब वह राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौपेंगे. इससे पहले उन्होंने राज्यपाल से मिलने के लिए समय मांगा था. सूत्रों के मुताबिक- विधायकों के साथ बैठक में नीतीश ने कहा कि अब ये गठबंधन अब अस्तित्व में नहीं रहा.
- दूसरी बार बीजेपी का साथ छोड़ने का फैसला लेने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने आज अपने विधायकों से भेंट की. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बैठक से पहले एनडीटीवी से कहा, "विस्फोटक समाचार के लिए तैयार रहिए. "आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के साथ नीतीश कुमार राजभवन जा सकते हैं. अब वह गवर्नर से मुलाकात के लिए राजभवन पहुंच गए हैं, जिनसे उनकी 4 बजे की मुलाकात तय है.
- बीजेपी से जुड़े एक वरिष्ठ सूत्र ने नाम न उजागर करने की शर्त पर कहा, "इस गठजोड़ के जीवित रहने की उम्मीद करना एक बेहद बीमार मरीज के परिवार की उम्मीद छोड़ने जैसा है. "
- दोनों पार्टियों के बीच का तनाव ब्रेक प्वाइंट पर पहुंच गया था. नीतीश कुमार का मानना था कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह लगातार जेडीयू को विभाजित करने के लिए काम कर रहे हैं.
- नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के पूर्व नेता आरसीपी सिंह पर अमित शाह के मोहरे के रूप में काम करने का आरोप लगाया था. जेडीयू की ओर से भ्रष्टाचार का आरोप लगाए जाने के बाद आरसीपी ने पिछले सप्ताह के अंत में जेडीयू से इस्तीफा दे दिया था. वर्ष 2017 में आरसीपी ने नीतीश कुमार के प्रतिनिधि के तौर पर जेडीयू कोटे से केंद्रीय मंत्रिमंडल ज्वॉइन किया था.
- उनके एक करीबी सहयोगी ने कल कहा कि आरसीपी ने अपनी मर्जी से केंद्र में शामिल होने का फैसला किया था और नीतीश को बताया था कि अमित शाह ने कहा था कि जेडीयू के प्रतिनिधि के तौर पर अकेले वे (आरसीपी) ही स्वीकार्य हैं.जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने इस पर तल्ख प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, "क्या अमित शाह हमारी पार्टी के मामलों पर फैसला करेंगे. "
- वर्ष 2017 तक तेजस्वी यादव और उनके भाई तेज प्रताप यादव, नीतीश की सरकार में मंत्री थे. जेडीयू, लालू यादव की पार्टी और कांग्रेस के सहयोग से यह सरकार बनी थी. नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ संबंध खत्म करते हुए यह गठजोड़ बनाया था.
- बाद में उन्होंने तेजस्वी और उनके भाई तेजप्रताप पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए गठबंधन खत्म कर लिया था और बीजेपी के पास वापस लौट गए थे.
- बता दें कि बिहार में सत्ता बचाने के लिए गृहमंत्री अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और जेपी नड्डा के नेतृत्व में तमाम बीजेपी के शीर्ष नेता नीतीश कुमार के संपर्क में थे ताकि इस स्थिति से उबरा जा सके और गठबंधन को बचाया जा सके. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि सभी क्षेत्रीय पार्टियों का सफाया हो जाएगा. इससे नीतीश वास्तव में नाराज़ हो गए थे.
- कांग्रेस और राजद ने संकेत दिया था कि अगर नीतीश कुमार भाजपा को छोड़ देते हैं तो वे महागठबंधन 2.0 के लिए तैयार हैं.
- बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में 243 सीटों में से नीतीश की पार्टी JDU ने 45 सीटों पर जीत हासिल की थी. जबकि BJP ने 77 सीटों पर विजय हासिल की थी. JDU के कम सीटें जीतने के बावजूद BJP ने नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया था और प्रदेश की कमान उनको सौंपी थी. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राष्ट्रीय जनता दल ने 79 सीटें और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 19 सीटों पर जीत हासिल की थी. जबकि हम को 4 सीटें मिली थी. बहुमत का आंकड़ा 122 है.
Advertisement
Advertisement
Advertisement