नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के भुगतान से संबंधित राज्यों के बकाये का उल्लेख करते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार मनरेगा को कमजोर करके देश के मजदूरों के साथ अन्याय कर रही है.
प्रियंका गांधी ने एक खबर का हवाला देते हुए ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘मजदूर का पसीना सूखने से पहले उसे मजदूरी मिल जानी चाहिए. “अमृतकाल” में यह मुहावरा मजदूरों के लिए मजाक बनके रह गया है? खबरों के मुताबिक, 1 फरवरी तक राज्यों का 16,000 करोड़ का मनरेगा भुगतान बकाया है. मजदूरों के सामने बच्चे पालने का संकट है लेकिन सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.''
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी ने पहले मनरेगा को कांग्रेस की “असफलता का स्मारक” बताया, उसे बंद करने की कोशिश की. लेकिन जब जमीनी सच्चाई से रूबरू हुए तो इसे बंद नहीं कर पाए मगर लगातार बजट घटाया. इस बार भी मामूली बढ़ोतरी करके वाहवाही लूटने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि सच्चाई ये है कि बजट में आवंटित राशि 2023-24 के संशोधित बजट के बराबर ही है.''
कांग्रेस महासचिव के अनुसार, जानकारों का कहना है कि बकाया व अन्य खर्चे चुकाने के बाद जो राशि बचेगी, उसमें महज 25 दिनों का रोजगार दिया जा सकेगा जबकि मनरेगा योजना 100 दिनों के रोजगार की गारंटी देती है. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस सरकार मनरेगा लाई थी ताकि आम ग्रामीणों, गरीबों, मजदूरों के हाथ में पैसा आए और उनका घर चले.'' प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार मनरेगा को कमजोर करके देश के मजदूरों के साथ अन्याय कर रही है.
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