चुनावी ट्रस्टों से राजनीतिक दलों को 2022-23 में मिले कुल चंदे में से 70 प्रतिशत से ज्यादा भारतीय जनता पार्टी (BJP Donation) को मिला, यह जानकारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने दी. चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन ने बताया कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को करीब 25 फीसदी चंदा मिला. चुनावी ट्रस्टों की 2022-23 के लिए योगदान रिपोर्ट के विश्लेषण के अनुसार, 39 कॉर्पोरेट और व्यावसायिक घराने हैं जिन्होंने चुनावी ट्रस्टों को 363 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दिया है.
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34 कॉर्पोरेट घरानों ने इलेक्टोरल ट्रस्ट को 360 करोड़ का चंदा
एडीआर के मुताबिक, 34 कॉर्पोरेट और व्यावसायिक घरानों ने प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को 360 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दिया, एक कंपनी ने ‘समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट' को दो करोड़ रुपये का योगदान दिया. दो कंपनियों ने ‘परिवर्तन इलेक्टोरल ट्रस्ट' को 75.50 लाख रुपये का योगदान दिया और दो कंपनियों ने ‘ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट' को 50 लाख रुपये का योगदान दिया.उनके द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, सभी राजनीतिक दलों को चुनावी ट्रस्टों से प्राप्त चंदे में से बीजेपी को 259.08 करोड़ रुपये या 70.69 प्रतिशत प्राप्त हुआ. बीआरएस को 90 करोड़ रुपये या कुल दान का 24.56 प्रतिशत प्राप्त हुआ.
कांग्रेस,AAP समेत अन्य पार्टियों को मिला कितना चंदा?
एडीआर ने कहा कि तीन अन्य राजनीतिक दलों - वाईएसआर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस - को सामूहिक रूप से कुल 17.40 करोड़ रुपये मिले. एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया कि प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने बीजेपी को 256.25 करोड़ रुपये का चंदा दिया, जबकि 2021-22 में उसने 336.50 करोड़ रुपये का चंदा दिया था. इसमें बताया गया कि समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट एसोसिएशन ने 2022-23 में अपनी कुल आय का 1.50 करोड़ रुपये भाजपा को दान दिया.
समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट ने कांग्रेस को 50 लाख रुपये का चंदा दिया, जबकि प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने चार राजनीतिक दलों - भाजपा, बीआरएस, वाईएसआर-कांग्रेस और आप को चंदा दिया.
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