बिहार में नवगठित महागठबंधन सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही विवादों में घिरे विधि मंत्री कार्तिक कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं अब इस मुद्दे पर कार्तिक कुमार ने NDTV से बात की और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. कार्तिक कुमार ने कहा, मैं भूमिहार हूं, BJP को पच नहीं रहा था. उनको अच्छा नहीं लग रहा था. इसलिए मीडिया ट्रायल हम पर करवा रहे थे. तरह-तरह के आरोप हमपर लगाए गए.
उन्होंने कहा कि आजतक 2015 से पहले मेरे पर एक केस दर्ज नहीं हुआ है. उसके बाद भी नहीं हुआ है. सिर्फ 2015 में एक केस में मेरा नाम जोड़ा गया कब, जब FIR में मेरा नाम ही नहीं था. लेकिन नौ महीने बाद घटना स्थल से पांच किलोमीटर दूर कहा जाता है मेरे को देखा गया है. तो हमने उसका आवेदन बड़े अधिकारी को दिया. बड़े अधिकारी ने जांच करके हमें निर्दोष साबित किया. फिर कोरोना काल था हम लोग निश्चित होकर बैठ गए. लेकिन कोरोना टाइम में संज्ञान लिया गया और उसमें मेरा नाम भी जोड़ दिया गया. लगा की कोर्ट के माध्यम से हम इस बात को रखेंगे. कोर्ट से न्याय मिलेगा.
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इस्तीफा देने पर उन्होंने कहा कि BJP के लोग मुद्दा उठा रहे थे. जिससे पार्टी और मेरी छवि खराब हो रही थी. ऐसे में मैंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस्तीफा सौंप दिया. वहीं विभाग बदलने को लेकर कार्तिक कुमार ने कहा कि हमको कोई नाराजगी नहीं थीं.
दरअसल बिहार (Bihar) में नवगठित महागठबंधन सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही विवादों में घिरे मंत्री कार्तिक कुमार (Karthik Kumar) को आखिरकार मंत्री पद छोड़ना पड़ा. अपहरण के मामले में आरोपी बिहार के गन्ना उद्योग मंत्री कार्तिक कुमार ने कल अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंप दिया है. इससे पहले मंगलवार को बिहार की महागठबंधन सरकार के कानून मंत्री (Law Minister) कार्तिक कुमार का विभाग बदल दिया गया था. कार्तिक कुमार को अपहरण के एक मामले में कथित संलिप्तता के बावजूद मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की विपक्ष ने भारी आलोचना की थी
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