बीजेपी ने कर्नाटक से सांसद अनंत कुमार हेगड़े का टिकट काट दिया है. एनडीए के 400 सीटों के लक्ष्य को लेकर कुछ हफ्ते पहले उनकी बयानबाजी से विवाद खड़ा हो गया था. कर्नाटक से छह बार के सांसद हेगड़े को टिकट देने से इनकार कर पार्टी ने एक बार फिर ये संदेश दिया है कि जो नेता बिना सोचे-समझे बयानबाजी कर शीर्ष नेतृत्व को मुश्किल में डालते हैं, वो भविष्य के अपने चुनावी अवसरों को ही खतरे में डाल रहे हैं.
अनंत कुमार हेगड़े ने पिछले 28 सालों में भाजपा सांसद के तौर पर छह बार उत्तर कन्नड़ लोकसभा सीट से जीत हासिल की है, इस दौरान वो लगातार चार बार भी जीते हैं. जहां तक विवादास्पद बयानों का सवाल है, तो बार-बार ऐसा करने वाले हेगड़े ने इस महीने की शुरुआत में भी एक टिप्पणी कर फिर से राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था, उन्होंने दावा किया था कि भाजपा का 400 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य संविधान को बदलना है.
उन्होंने कहा, ''अगर हम सोचते हैं कि ये किया जा सकता है, क्योंकि लोकसभा में अभी कांग्रेस नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास लोकसभा में दो-तिहाई बहुमत है, फिर भी चुप रहें, तो ये संभव नहीं है.'' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी को राज्यसभा और राज्यों में भी दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है.
विपक्ष ने बीजेपी सांसद के इन बयानों की जमकर आलोचना की, इसके बाद बीजेपी ने खुद को इस बयान से अलग कर लिया. बीजेपी ने कहा कि ये अनंत हेगड़े के निजी विचार हैं. इसके बाद से ही ये साफ हो गया कि छह बार के सांसद को इस बार पार्टी टिकट नहीं दे रही है. हालांकि हेगड़े ने टिकट को लेकर काफी पैरवी की थी, लेकिन फैसला हो चुका था.
भाजपा ने हेगड़े की जगह छह बार के विधायक विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी को मैदान में उतारा है. विश्वेश्वर कागेरी कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं और राज्य मंत्री के रूप में भी काम कर चुके हैं.
पार्टी के एक नेता ने पहले एनडीटीवी को बताया था कि जहां जीत की संभावना महत्वपूर्ण है, वहीं पार्टी उन उम्मीदवारों पर भी कड़ी नजर रख रही है, जिन्होंने भड़काऊ बयान देकर नेतृत्व को शर्मिंदा किया है.
भाजपा नेता ने कहा था, "ऐसे लोगों को टिकट नहीं देने से ये संदेश जाता है कि सार्वजनिक जीवन में मर्यादा बनाए रखनी होगी. अतीत में, प्रधानमंत्री ने कई मौकों पर पार्टी नेताओं को चेतावनी दी थी कि उन्हें विवादास्पद बयान नहीं देना चाहिए."