क्या कहता है संविधान का आर्टिकल 25? जिसे राहुल गांधी के खिलाफ हथियार बना सकती है BJP

निशिकांत दुबे ने रायबरेली से सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को जवाब देते हुए कहा, "यह लोग संविधान की बात करते हैं. इसी संविधान का आर्टिकल 25 कहता है कि किसी भी धर्म के ऊपर कोई भी व्यक्ति किसी को भी हिंसावादी नहीं कह सकता है.

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लोकसभा में हिंदुत्व पर दिए गए राहुल गांधी के एक बयान पर पीएम मोदी ने खड़े होकर आपत्ति जताई.

नई दिल्ली:

18वीं लोकसभा के पहले सत्र का छठा दिन हंगामेदार रहा. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शिव, हिंदू और हिंदुत्व को लेकर BJP पर जमकर हमला बोला. राहुल ने कहा, "जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा..नफरत-नफरत-नफरत... आप हिंदू हो ही नहीं. हिंदू धर्म में साफ लिखा है सच का साथ देना चाहिए." झारखंड के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई. दुबे ने संविधान के आर्टिकल 25 का भी जिक्र कर दिया.

निशिकांत दुबे ने रायबरेली से सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को जवाब देते हुए कहा, "यह लोग संविधान की बात करते हैं. इसी संविधान का आर्टिकल 25 कहता है कि किसी भी धर्म के ऊपर कोई भी व्यक्ति किसी को भी हिंसावादी नहीं कह सकता है. इन्होंने हिंदुओं को हिंसावादी कहा है. इन्होंने संविधान का अपमान किया है. इनको माफी मांगनी चाहिए. यह संविधान से ऊपर नहीं हैं. मैं राहुल गांधी और कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि वे लोग संविधान से ऊपर हैं?"

आइए जानते हैं क्या है आर्टिकल 25, जिसका इस्तेमाल BJP राहुल गांधी को घेरने के लिए कर सकती है:-

धर्म की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की गारंटी
भारतीय संविधान का आर्टिकल 25 धर्म की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की गारंटी देता है. इसमें धर्म को मानने, उसका पालन करने और उसका प्रचार करने की स्वतंत्रता से संबंधित विभिन्न पहलू शामिल हैं. इस आर्टिकल के तहत धर्म की स्वतंत्रता सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य के हित में लगाए गए उचित प्रतिबंधों के अधीन है. इसका मतलब यह है कि व्यक्तियों को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है, लेकिन इससे समाज की सद्भावना में बाधा नहीं आनी चाहिए या दूसरों की भलाई का उल्लंघन नहीं होना चाहिए.

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धार्मिक प्रथाओं और धर्मनिरपेक्ष गतिविधियों के बीच अंतर
आर्टिकल 25 धार्मिक प्रथाओं और धार्मिक संस्थाओं से जुड़ी धर्मनिरपेक्ष गतिविधियों के बीच अंतर करता है. राज्य के पास धर्मनिरपेक्ष गतिविधियों को विनियमित या प्रतिबंधित करने का अधिकार है, जो धार्मिक प्रथाओं से जुड़ी हो सकती हैं. जैसे सामाजिक सुधार, आर्थिक गतिविधियां और धर्म के मूल पहलुओं से संबंधित अन्य गतिविधियां. 

धार्मिक मामलों का प्रबंधन करने का अधिकार
इसमें धार्मिक संप्रदायों या उनके किसी भी वर्ग को अपने धार्मिक मामलों का प्रबंधन करने का अधिकार भी शामिल है, जिसमें धार्मिक संस्थानों की स्थापना और रखरखाव शामिल है. जब तक कि वे किसी अन्य कानून या सार्वजनिक व्यवस्था का उल्लंघन नहीं करते हैं.

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निशिकांत दुबे ने संविधान के आर्टिकल 25 का हवाला देते हुए राहुल गांधी को घेरा है. विपक्ष, कांग्रेस या राहुल गांधी के हिंदुत्व से जुड़े किसी भी बयान को BJP मुद्दा जरूर बनाती है. ऐसे में साफ है कि BJP राहुल गांधी के ताजा बयान को यूं ही हाथ से जाने नहीं देगी. संभव है कि आर्टिकल 25 के उल्लंघन का हवाला देकर पार्टी नेता प्रतिपक्ष पर एक्शन की मांग करे.

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मंगलवार को लोकसभा में जवाब देंगे पीएम मोदी
राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए लोकसभा में 16 घंटे अलॉट किए गए थे. मंगलवार को शाम 4 बचे पीएम नरेंद्र मोदी धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देंगे. इसके साथ ही धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा खत्म हो जाएगी. जबकि राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 21 घंटे अलॉट किए गए थे. ऐसे में राज्यसभा में पीएम मोदी के बुधवार को जवाब देने की उम्मीद है.

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