श्रीनगर में लश्कर कमांडर के एनकाउंटर में 'बिस्कुटों' ने दिया बहुत बड़ा साथ, पढ़ें क्या है मामला

उस्मान शनिवार को श्रीनगर के घनी आबादी वाले खानयार इलाके में दिन भर चली मुठभेड़ में मारा गया. यह दो साल से अधिक समय में जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी में पहली महत्वपूर्ण मुठभेड़ थी.

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वरिष्ठ अधिकारियों ने ऑपरेशन में नाश्ते के महत्व पर प्रकाश डाला
श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में एनकाउंटर के दौरान सुरक्षाबलों ने एक आंतकी कमांडर को ढेर कर दिया. उसे ठिकाने लगाने की इस योजना में बिस्कुटों ने भी बहुत साथ दिया. वरिष्ठ अधिकारियों ने आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर उस्मान के खिलाफ चलाए गए अभियान में इस बात का ध्यान रखा कि कहीं आवार कुत्ते चुनौती न बन जाएं और उस चुनौती से निपटने के लिए ही उन्होंने बिस्कुटों का सहारा लिया. तो चलिए आपको बताते हैं कि सुरक्षाबलों ने आखिर किस तरह से 9 घंटे के अभियान के बाद आतंकी को ढेर किया.

उस्मान को मुठभेड़ में किया गया ढेर

उस्मान शनिवार को श्रीनगर के घनी आबादी वाले खानयार इलाके में दिन भर चली मुठभेड़ में मारा गया. यह दो साल से अधिक समय में जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी में पहली महत्वपूर्ण मुठभेड़ थी. स्थानीय पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के संयुक्त प्रयासों से आतंकवाद रोधी यह अभियान सफल रहा. अधिकारियों ने बताया कि घाटी के इलाके से अच्छी तरह वाकिफ उस्मान 2000 के दशक की शुरुआत में अपनी प्रारंभिक आतंकी गतिविधि के बाद से ही कई हमलों को अंजाम देने के लिए कुख्यात था.

9 घंटे तक सावधानी से चलाया गया था अभियान

पाकिस्तान में कुछ समय बिताने के बाद उसने 2016-17 के आसपास वापस इस क्षेत्र में घुसपैठ की. वह पिछले साल पुलिस उपनिरीक्षक मसरूर वानी की गोली मारकर हत्या किए जाने की घटना में भी शामिल था. जब खुफिया जानकारी में आवासीय क्षेत्र में उस्मान की उपस्थिति का संकेत मिला तो बिना किसी क्षति के अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए नौ घंटे की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई.

आवार कुत्तें के लिए इस्तेमाल किए गए बिस्कुट

अभियान के दौरान एक महत्वपूर्ण चिंता आवारा कुत्तों की उपस्थिति थी, जिनके भौंकने से आतंकवादी संभावित रूप से सतर्क हो सकता था. इसका मुकाबला करने के लिए खोजी टीमों को बिस्कुट दिए गए. जब ये टीम अपने लक्ष्य की ओर बढ़ीं तो उन्होंने आवारा कुत्तों को शांत करने के लिए उन्हें बिस्कुट खिलाए. सुरक्षाकर्मियों की पूरी तैनाती फज्र की नमाज (भोर की नमाज) से पहले कर दी गई और 30 घरों के इर्द-गिर्द घेरा डाल दिया गया.

कई घंटों तक चली मुठभेड़ 

इस दौरान एके-47, एक पिस्तौल और कई ग्रेनेड से लैस उस्मान ने सुरक्षाबलों पर भीषण गोलीबारी शुरू कर दी. इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी. मुठभेड़ के दौरान कुछ ग्रेनेड फटने से मकान में आग लग गई जिस पर सुरक्षाबलों ने तुरंत काबू पा लिया, ताकि यह आसपास के मकानों में न फैले. कई घंटे तक चली भीषण मुठभेड़ में उस्मान को ढेर कर दिया गया. मुठभेड़ में चार सुरक्षाकर्मी घायल हो गए जिनकी हालत स्थिर बताई जाती है.

सुरक्षाबलों को मिली बड़ी सफलता

इस अभियान के साथ सुरक्षाबलों को विशेष रूप से लश्कर-ए-तैयबा की शाखा 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिली है जो गैर-स्थानीय मजदूरों और सुरक्षाकर्मियों पर हमले करने में शामिल रहा है. सफल अभियान इस बात को रेखांकित करता है कि अधिकारी अपने अभियान की सफलता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए अद्वितीय तथा अपरंपरागत समाधान खोजने सहित किस हद तक जा सकते हैं.

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यह मुठभेड़ न केवल जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद रोधी प्रयासों में एक महत्वपूर्ण क्षण है, बल्कि क्षेत्र में शांति बनाए रखने में सुरक्षाबलों के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डालती है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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