स्वदेशी फार्मा कंपनी बायोलॉजिकल ई लिमिटेड (Biological E LTD) को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI)ने कुछ शर्तों के साथ 5 से 18 साल के बच्चों पर कोरोना वैक्सीन (COVID vaccine) के दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल की अनुमति दी है. यह ट्रायल 10 साइट पर किया जाएगा. DCGI ने ये अनुमति सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC)की सिफारिशों के आधार पर दी है. ये चौथी ऐसी वैक्सीन होगी जिसे DCGI की तरफ से बच्चों के लिए ट्रायल की अनुमति मिली है.
BioNTech-Pfizer ने कहा, हमारी कोरोना वैक्सीन 12-15 साल के बच्चों पर 100 फीसदी प्रभावी
1-Zydus cadila ( 12-18 साल आपात इस्तेमाल)
2-सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की COVOVAX के दूसरे/तीसरे चरण (2 -17 साल)
3-भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के दूसरे/तीसरे फेज का ट्रायल (2-18 साल) चल रहा है।
4-और अब स्वदेशी बायोलॉजिकल ई
उम्मीद है कि Zydus cadila का सुई रहित कोविड-19 टीका जाइकोव-डी अक्टूबर के पहले सप्ताह से उपलब्ध हो जाएगा. केंद्र सरकार ने कहा है कि इस बारे में अभी फैसला नहीं किया गया है कि सभी बच्चों को या पहले से किसी अन्य बीमारी से पीड़ित बच्चों को प्राथमिकता के आधार पर टीके दिए जाएंगे. मूल्य निर्धारण के संदर्भ में बातचीत और सरकार द्वारा इसे खरीदने की योजना के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने पिछले माह के अंत में कहा था, "... मीडिया रिपोर्टों के साथ-साथ टीका कंपनी के अपनी बातचीत से हमने समझा है कि वे अक्टूबर के पहले सप्ताह से यह टीका उपलब्ध कराने की स्थिति में होंगे." उन्होंने कहा था, "हम उनके साथ बातचीत कर रहे हैं और जैसे ही खरीद के नियम और शर्त स्पष्ट होंगी, हम इसे आपके साथ साझा करेंगे." यह पूछे जाने पर कि क्या पहले से किसी अन्य बीमारी से पीड़ित बच्चों को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी, भूषण ने कहा था कि इस संबंध में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) की कोविड संबंधी स्थायी समिति को सिफारिश करना है. उन्होंने कहा कि अभी तक सिफारिश नहीं की गई है और एनटीएजीआई द्वारा इस संबंध में
फैसला करने के बाद सरकार कोई निर्णय लेगी. (भाषा से भी इनपुट)