केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एनडीटीवी के साथ एक खास बातचीत में कहा कि विश्व प्रदूषण को कम करने और भारत को कार्बन-तटस्थ राष्ट्र बनाने में जैव ईंधन बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा कि वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में 18वें जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में लॉन्च किया. पीएम मोदी ने अन्य देशों से इस पहल में शामिल होने और पेट्रोल में 20 प्रतिशतइ इथेनॉल मिश्रण का वैश्विक लक्ष्य निर्धारित करने का आह्वान किया.
जैव ईंधन गठबंधन एक ऐतिहासिक...
नितिन गडकरी ने कहा, "जैव ईंधन गठबंधन एक ऐतिहासिक घटना है, जो हमें विश्व प्रदूषण को बड़े पैमाने पर कम करने में मदद करेगी. पेट्रोल में इथेनॉल का उपयोग एक बड़ी उपलब्धि है, और यह किसानों के लिए विशेष रूप से सहायक होगा, जो अब अपनी अतिरिक्त फसल ईंधन स्टेशनों को बेच सकते हैं."
आयातित तेल पर निर्भरता होगी कम
भारत जैव ईंधन का उत्पादन करने की अपनी क्षमता बढ़ा रहा है, जो कार्बनिक पदार्थों से प्राप्त एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है. देश अपनी कच्चे तेल की जरूरतों का 85% से अधिक आयात करता है, इसलिए वह घरेलू स्रोतों से जैव ईंधन का उत्पादन करके आयातित तेल पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है. गठबंधन का लक्ष्य जैव ईंधन की आपूर्ति को सुरक्षित करना, उनकी सामर्थ्य सुनिश्चित करना और टिकाऊ उत्पादन को बढ़ावा देना है.
हरित हाइड्रोजन भारत के लिए एक भविष्यवादी दृष्टिकोण
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी ने भी भारत के भविष्य में हरित हाइड्रोजन के महत्व के बारे में बात की. उन्होंने कहा, "हरित हाइड्रोजन भारत के लिए एक भविष्यवादी दृष्टिकोण है. इसमें हमारे ऑटोमोबाइल सेक्टर को दुनिया में नंबर एक बनाने की क्षमता है."
2009 में, विकसित देशों ने विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करने के लिए 2020 तक प्रति वर्ष 100 बिलियन डॉलर प्रदान करने का वादा किया था. हालांकि, यह कभी अमल में नहीं आया. ऐसे में जब जी20 की अध्यक्षता दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता भारत के पास है, तो बायोफ्यूल एलायंस पर सहमति को उस देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में देखा जा रहा है, जिसे ग्लोबल साउथ की आवाज के रूप में प्रतिष्ठित किया जा रहा है.
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