भारत से कम्बोडिया भेजे जाएंगे बाघ, दोनों देशों के बीच हुआ समझौता

उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कम्बोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन से मिलकर द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
बाघों को भारत से ले जाकर कम्बोडिया में बसाने की परियोजना के लिए एमओयू पर दोनों देशों ने हस्ताक्षर किए हैं.
नई दिल्ली:

भारत से बाघ कम्बोडिया भेजे जाएंगे. इसके लिए शनिवार को दोनों देशों के बीच एमओयू (MoU) पर  हस्ताक्षर किए गए. जिस तरह भारत में चीते लाए गए उसी तरह कम्बोडिया में भी भारत से बाघ ले जाकर उनकी पुर्नबसाहट की जाएगी. कम्बोडिया के नोम पेन्ह में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने वहां के प्रधानमंत्री हुन सेन से शनिवार को मुलाकत की. आसियान-भारत सम्मेलन से इतर दोनों देशों ने संस्कृति, वन्यजीव और स्वास्थ्य के क्षेत्र में चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इसमें कम्बोडिया में फिर से बाघों को बसाने की परियोजना भी शामिल है.

उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ट्वीट किया- ''भारत से कम्बोडिया में बाघों को ले लाने के लिए एक समझौता ज्ञापन के आदान-प्रदान को देखकर खुशी हुई. बाघों का यह महत्वाकांक्षी ट्रांस-कंट्री रीलोकेशन हमारे खूबसूरत ग्रह पर जैव विविधता के संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा.''

उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कम्बोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन से शनिवार को मुलाकत करके मानव संसाधन, बारूदी सुरंगों को हटाने और विकास परियोजनाओं सहित अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर बनाने पर चर्चा की. आसियान-भारत सम्मेलन से इतर दोनों देशों ने संस्कृति, वन्यजीव और स्वास्थ्य के क्षेत्र में चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए. धनखड़ ने कहा कि उन्होंने आसियान सम्मेलन के सफल अध्यक्षता के लिए कम्बोडिया के प्रधानमंत्री को बधाई दी. 

दोनों देशों के बीच जिन चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं उनमें स्वास्थ्य एवं औषधि के क्षेत्र में सहयोग, जैवविविधता संरक्षण और सतत वन्यजीव प्रबंधन शामिल है. इसके तहत कम्बोडिया में फिर से बाघों को बसाने की परियोजना भी शामिल है.

आईआईटी जोधपुर और कम्बोडिया के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के बीच अनुसंधान, विकास और सांस्कृतिक विरासत के डिजिटल दस्तावेजीकरण में तकनीक के उपयोग के क्षेत्र में समझौता हुआ.

Advertisement

कम्बोडिया के सिएम रीप स्थित वाट राजा बो पैगोड की पेंटिंग के संरक्षण और देखभाल (जिसमे उनकी मरम्मत भी शामिल है) के लिए वित्तपोषण संबंधी समझौता भी हुआ.

इस साल आसियान-भारत संबंधों के 30 साल पूरे हो गए हैं और 2022 को आसियान-भारत मित्रता वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Maharashtra Exit Poll: बढ़ा हुआ मतदान और नए एग्ज़िट पोल्स महाराष्ट्र में क्या कर रहे हैं इशारा?
Topics mentioned in this article