"हमें इस बारे में नहीं बताया गया...: बिलिकिस बानो के परिवार ने 11 दोषियों की रिहाई पर जताई हैरानी

मुंबई में सीबीआई की विशेष अदालत ने 11 दोषियों को बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या करने के जुर्म में 21 जनवरी 2008 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. बाद में बंबई HC ने उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा था.

विज्ञापन
Read Time: 22 mins
बिलकिस बानो केस में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को सोमवार को जेल से रिहा किया गया
अहमदाबाद:

Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो के पति याकूब रसूल ने मंगलवार को कहा कि वह 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो (Bilkis Bano) के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के अपराध में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी 11 दोषियों को रिहा किए जाने की खबर से हैरत में हैं. रसूल ने कहा कि वह सोमवार को हुए घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि वह, उनकी पत्नी और पांच बेटों के पास घटना के 20 साल से अधिक समय बाद भी रहने की कोई स्थायी जगह नहीं है.इस मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को सोमवार को गोधरा उप-कारागार से रिहा कर दिया गया था. गुजरात सरकार ने अपनी माफी नीति के तहत इन लोगों की रिहाई की मंजूरी दी थी. मुंबई में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने 11 दोषियों को बिलकिस  बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या करने के जुर्म में 21 जनवरी 2008 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. बाद में बंबई उच्च न्यायालय ने उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा था.

रसूल ने बताया कि उन्हें दोषियों के रिहा होने की खबर मीडिया से मिली. उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसकी कोई जानकारी नहीं थी कि उन्होंने (दोषियों) कब आवेदन किया और राज्य सरकार ने क्या फैसला लिया. हमें कभी कोई नोटिस नहीं मिला. हमें इस बारे में नहीं बताया गया.'' सरकार के फैसले के बारे में पूछे जाने पर रसूल ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि क्या कहना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘हम इस पर कुछ भी नहीं कहना चाहते. मैं ब्योरा मिलने के बाद ही बात कर सकता हूं. हम बस दंगों में जान गंवाने वाले अपने प्रियजनों की आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं. हम हमारी बेटी समेत इस घटना में मारे गए लोगों को हर दिन याद करते हैं.'' रसूल ने कहा कि गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देश पर परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार नौकरी या मकान की कोई व्यवस्था नहीं की है.''

रसूल ने कहा कि उनका परिवार अब भी बिना किसी स्थायी पते के छिपकर रह रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार से मिले मुआवजे का इस्तेमाल उनके बेटों की शिक्षा पर किया जा रहा है. इस मामले में जिन 11 दोषियों को रहा किया गया है, उनमें जसवंतभाई नाई, गोविंदभाई नाई, शैलेष भट्ट, राधेश्याम शाह, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, प्रदीप मोरधिया, बाकाभाई वोहानिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट और रमेश चंदाना शामिल हैं. दरअसल, राधेश्याम की समय पूर्व रिहाई की मांग वाली याचिका ने ही 11 अन्य दोषियों के जेल से बाहर निकलने का मार्ग प्रशस्त किया. राधेश्याम ने कहा कि उसे रिहा होकर खुशी हो रही है. उसने कहा, ‘‘गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार हमें रिहा किया है. मैं बाहर आकर खुश हूं, क्योंकि मैं अपने परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर पाऊंगा और नया जीवन शुरू कर पाऊंगा.''

Advertisement

उन्‍होंने कहा, ‘‘हम दोषी थे और जेल में थे. जब 14 साल जेल में रहने के बाद भी मुझे रिहा नहीं किया गया तो मैंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. SC ने गुजरात सरकार को फैसला लेने का निर्देश दिया, जिसके बाद हमें रिहा किया गया.'' गौरतलब है कि तीन मार्च 2002 को गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के दौरान दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका के रंधिकपुर गांव में भीड़ ने बिलकिस  बानो के परिवार पर हमला कर दिया था.अभियोजन के अनुसार, ‘‘बिलकिस  उस समय पांच महीने की गर्भवती थीं. उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. इतना ही नहीं, उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी.'' अदालत को बताया गया था कि छह अन्य सदस्य मौके से फरार हो गए थे. इस मामले के आरोपियों को 2004 में गिरफ्तार किया गया था.

Advertisement

* जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 39 सुरक्षाकर्मियों को ले जा रही बस खाई में गिरी, 6 जवानों की मौत
* 'जानबूझकर हटाई नेहरू जी की तस्वीर', ममता बनर्जी पर बरसी कांग्रेस
* नीतीश कुमार कैबिनेट का विस्तार, RJD का रहा दबदबा, देखें लिस्ट

Advertisement

नीतीश कैबिनेट का हुआ विस्तार, देखें कौन- कौन बना मंत्री

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Sambhal के बाद Bulandshahr के Muslim इलाके में मिला 32 साल पुराना Mandir, जानें क्यों हुआ था बंद?