बिलकिस बानो केस : दोषियों की रिहाई की सिफारिश करने वाली समिति के 10 में से 5 सदस्‍यों के बीजेपी से संबंध

समिति की सिफारिश पर गैंगरेप और मर्डर मामले के दोषी लोग, राज्‍य की नई क्षमा नीति के अंतर्गत इस स्‍वतंत्रता दिवस पर जेल से बाहर आए.

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गोधरा:

बिलकिस बानो मामले के 11 दोषियों की रिहाई की सिफारिश करने वाली गुजरात सरकार की सलाहकार समिति के 10 सदस्‍यों में से पांच के भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ संबंध हैं. एनडीटीवी की पड़ताल में यह बात सामने आई है. समिति की सिफारिश पर गैंगरेप और मर्डर मामले के दोषी लोग, राज्‍य की नई क्षमा नीति के अंतर्गत इस स्‍वतंत्रता दिवस पर जेल से बाहर आए. सलाहकार समिति के सदस्‍यों वाले आधिकारिक दस्‍तावेज दर्शाता है कि समिति में दो बीजेपी विधायक और बीजेपी राज्‍य कार्यकारिणी का एक सदस्‍य शामिल था. इसके अलावा समिति के दो अन्‍य सदस्‍यों का भी बीजेपी के साथ संबंध है. सदस्‍यों में से एक विनीता लेले को दस्‍तावेज में सामाजिक कार्यकर्ता (सोशल वर्कर) के तौर पर दर्शाया गया गया है लेकिन उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल के अनुसार, वे बीजेपी की सदस्‍य हैं. 

एक अन्‍य सोशल वर्कर पवन भाई सोनी हैं. हालांकि राज्‍य बीजेपी का वेब पेज उन्‍हें पार्टी की राज्‍य कार्यकारिणी के सदस्‍य के रूप में दर्शाता है. कई कॉल्‍स और यहां तक कि घर पहुंचने के बाद आखिकार एनडीटीवी उनसे, उनकी शॉप पर मिलने में सफल रहा. उनका पता और कांटेक्‍ट नंबर गुजरात बीजेपी की वेबसाइट पर है.उन्‍होंने इस मसले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया, वैसे उन्‍होंने समिति अथवा बीजेपी में अपनी या अन्‍य लोगों की संलिप्‍तता से इनकार नहीं किया.

सरदार सिंह पटेल का भी समिति के सदस्‍यों ने सोशल वर्कर के तौर पर नाम दिया गया है, उन्‍हें भी बीजेपी का सदस्‍य बताया गया है. एनडीटीवी को उनका कांटेक्‍ट नंबर गोधरा के बीजेपी ऑफिस से मिला. समिति के अन्‍य सदस्‍यों में गोधरा के बीजेपी विधायक सीके राउलजी और कालोल की विधायक सुमाबेन चौहान शामिल हैं.राजनीतिक रूप से जुड़े सदस्‍यों के अलावा समिति में जेल सुपरिंटेंडेंट, जिला पुलिस सुपरिंटेंडेंट, प्रधान जिला न्‍यायाधीश, जिला सामाजिक कल्‍याण अधिकारी और पंचमहल के जिला मजिस्‍ट्रेट भी शामिल थे. पंचमहल के डीएम सुजल मायात्रा ने कहा कि इस मामले की विशेष रूप से जांच के लिए समिति का गठन नहीं किया गया बल्कि यह मौजूदा जेल सलाहकार समिति है जो ऐसे 'क्षमा आग्रहों' पर विचार करती है. क्‍या सर्वसम्‍मति से दोषियों की रिहाई की सिफारिश हुई थी, इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार करते हुए उन्‍होंने कहा कि जेल में बिताए समय और जेल के अंदर और बाहर के आचरण जैसे विभिन्‍न पहलुओं को ध्‍यान में रखते हुए रिहाई की सिफारिश की गई. यह पूछने पर कि क्‍या सिफारिश के पहले उन्‍होंने अपराध की गंभीरता पर विचार किया था, उन्‍होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. 

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बता दें, गुजरात सरकार ने अपनी क्षमा नीति के तहत सभी दोषियों की रिहाई को मंजूरी दी है.  मुंबई में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 11 दोषियों को बिलकिस  बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या करने के जुर्म में 21 जनवरी 2008 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. बाद में बंबई उच्च न्यायालय ने उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा था.

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