पश्चिमी यूपी के बिजनौर लोकसभा सीट (Bijnor Lok Sabha seat) पर इस चुनाव में आरएलडी एनडीए गठबंधन के तहत चुनाव मैदान में है. वहीं समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की तरफ से भी बिजनौर से उम्मीदवार उतारे गए हैं. बिजनौर सीट एक हॉट सीट रही है, बीएसपी चीफ मायावती यहीं से पहली बार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचीं थी. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी उम्मीदवार मूलक नागर की जीत हुई थी. इस चुनाव में बीएसपी ने उनका टिकट काट लिया है उनकी जगह हाल ही में आरएलडी छोड़कर बीएसपी में शामिल हुए ब्रिजेंद्र सिंह को टिकट दिया है.
बसपा प्रत्याशी ने जीत का किया दावा
एनडीटीवी से बात करते हुए बसपा प्रत्याशी विजेंद्र सिंह ने कहा कि हम आरोप प्रत्यारोप की राजनीति पर विश्वास नहीं करते, ना ही हम बदले की राजनीति में विश्वास करते हैं. युवाओं को हम हिंदू मुस्लिम की राजनीति में नहीं झोंकना चाहते. हमारे बुजुर्ग कहते थे- तू हिंदू ना बनेगा ना मुसलमान बनेगा, इंसान की औलाद है इंसान बनेगा.
सपा के उम्मीदवार ने क्या कहा?
सपा प्रत्याशी दीपक सैनी ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का शुक्रिया. बात रही टिकट काटने की, उनका फ़ैसला है. उनका सम्मान करता हूं. सपा प्रत्याशी दीपक सेनी के पिता समाजवादी पार्टी के मौजूदा विधायक हैं. हमने उनसे पूछा कि बीजेपी परिवारवाद पर चोट करती है, आप ख़ुद विधायक पुत्र हैं और सांसदी का टिकट मिल गया. पिताजी विधायक हैं इसका मतलब ये नहीं की हम में क़ाबिलियत नहीं हैं, काबिल हैं. पिछड़े वर्ग से आते है. लगातार पिछड़े वर्ग में काम करते हैं. युवाओं की आवाज़ उठाने का मौक़ा राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने दिया है.
आरएलडी उम्मीदवार चंदन चौहान कहते हैं कि जनता के वही मुद्दे हैं. विकसित भारत में क्या भूमिका बिजनौर की रहेगी, क्या भूमिका यूपी में रहेगी. आने वाले समय में बेहतर बदलाव और शांति सुरक्षा के साथ पूरा यूपी तरक़्क़ी करे ये भूमिका सुनिश्चित करेंगे. चौधरी चरण सिंह का गुलदस्ता जो पूरे पश्चिमी यूपी नहीं देश के अंदर, तरक़्क़ी कर रहा है. 36 बिरादरी हर धर्म, जाति के लोग अपना समर्थन इस गठबंधन को दे रहे हैं. जब रिज़ल्ट आएंगे तो किसी भी बात पर चर्चा नहीं होगी. रिज़ल्ट ही प्रमाण होगा.
आम जनता ने क्या कहा?
बिजनौर में फल बेच रहे मोहम्मद सुबह-सवेरे अपना फलों का ठेला करीने से सजा रहे थे जब एनडीटीवी ने उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि फूल जीतना चाहिए हमारे हिसाब से तो, क्यों कि वही सही है. मज़दूरों को समझ रही है, घर दे रही है. हमें सारे ही फ़ायदे हैं ढाई लाख रुपये मिल रहे हैं. राशन सही मिल रहा है. कई और चीजें सही चल रही हैं, हमें पसंद आई हैं. एक अन्य निवासी मोहम्मद अफ़ज़ल ने कहा कि लोगों को बदलाव सा महसूस हो रहा है। कारोबार काम धंधे में बदलाव आया है. इसी की वजह से बीजेपी की पकड़ अच्छी हो रही है. एक अन्य मतदाता शकील अहमद ने कहा कि हमें तो ठीक माहौल लग रहा है बीजेपी की वजह से. काम अच्छा कर रही है. बीजेपी का माहौल लग रहा है.
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