बिहार की राजधानी पटना में 2500 से अधिक डेंगू के मरीजों के सामने आने के बाद कल राज्य के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) रात को अचानक नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे थे. जहां पर उन्होंने वार्डों का स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ औचक निरीक्षण किया. उन्होंने डेंगू वार्ड का दौरा कर भर्ती मरीजों से बातचीत कर स्वास्थ्य सेवाओं का फीडबैक लिया. इस दौरान मरीजों और उनके साथ आए लोगों ने स्वास्थ्य मंत्री से अस्पताल में बदइंतजामी की खुलकर शिकायत की. इस पर एक्शन लेते हुए कार्य में लापरवाही, कर्तव्यों का सही से निर्वहन नहीं करने, प्रशासनिक अक्षमता तथा विभागीय निदेशों की अवेहलना करने के कारण मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर विनोद कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
निरीक्षण के दौरान डेंगू वार्ड में सामान्य मरीज भी भर्ती पाए गए. दूसरे वार्डों में मरीजों और उनके साथ आए लोगों ने खुलकर अपनी बात रखी और कमियों के बारे में बताया. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि साफ-सफाई के मोर्चे पर सुधार हुआ है, लेकिन दवाओं की उपलब्धता होने के बावजूद भी मरीजों को दवा नहीं मिलना, बाहर से दवा लाना एवं डॉक्टर-नर्स के गैर-गंभीर व्यवहार एवं चिकित्सा में लापरवाही की शिकायत मिली है, जिसमें सुधार की गुंजाइश है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमने स्वास्थ्य विभाग की समस्याओं को चुनौती के रूप में लिया है और निरंतर इसमें सुधार करने की ओर अग्रसर हैं. उन्होंने कहा कि इससे पूर्व पांच वर्ष तक लगातार स्वास्थ्य विभाग के मंत्री कभी अस्पतालों का दौरा नहीं करते थे. किसी भी स्वास्थ्य सुविधा और सेवा का जायजा नहीं लेते थे और धरातल पर जाकर रोगियों से नहीं मिलते थे.
उन्होंने कहा कि अगर मुझे जमीनी सच्चाई और कमियों का ही नहीं पता होगा तो उन्हें दूर कैसे करूंगा? इसलिए मैंने स्वयं धरातल पर जाकर निरीक्षण किया और मरीजों से मिलकर खामियों को दूर करने की ईमानदार कोशिश कर रहा हूं और इसमें हमें अवश्य ही सफलता मिलेगी.
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