- बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के बाद मतदाता सूची में 65 लाख 64 हजार से अधिक नाम हटाए गए हैं.
- गोपालगंज जिले में 15 प्रतिशत मतदाताओं के नाम कटे हैं, जो लालू यादव का गृह जिला है.
- नालंदा जिले में केवल 5.9 प्रतिशत मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला है.
बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के बाद निर्वाचन आयोग ने आज राज्य की ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी कर दी है. इस सूची के अनुसार, 65 लाख 64 हजार 75 मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं. पहले राज्य में कुल 7 करोड़ 89 लाख 69 हजार 844 मतदाता थे, जो अब घटकर 7 करोड़ 24 लाख 5 हजार 756 रह गए हैं. यह कटौती राज्यभर में हुई व्यापक पुनरीक्षण प्रक्रिया का परिणाम है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को सटीक बनाना था.
अब SIR की प्रक्रिया के बाद आरजेडी प्रमुख लालू यादव का गृह जिला गोपालगंज चर्चा में है. यहां अधिक अनुपात में मतदाताओं के नाम कटे हैं. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में कम नाम हटाए गए हैं.
लालू के जिले में 15% मतदाताओं के नाम सूची से बाहर
गोपालगंज में 15% मतदाताओं के नाम सूची से बाहर हैं. गोपालगंज में 20 लाख 55 हजार 845 मतदाता थे, यहां 3 लाख 10 हजार 363 मतदाताओं के नाम कटे हैं. अब गोपालगंज में 17 लाख 45 हजार 482 मतदाता रह गए हैं. गोपालगंज भले ही पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का गृह जिला रहा हो. लेकिन बीते चुनाव में यहां भी एनडीए ने बाजी मारी थी. जिले की 6 में से 4 सीटें एनडीए के खाते में थी. इस बार सबसे अधिक मतदाताओं के नाम कटने का परिणाम पर क्या असर होता है , यह देखना दिलचस्प होगा.
नीतीश के जिले में 5.9% मतदाताओं के नाम कटे
नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में 5.9% मतदाताओं के नाम कटे हैं. शेखपुरा (5.1%) और अरवल (5.57%) के बाद नालंदा ही वह जिला है जहां सबसे कम अनुपात में मतदाताओं के नाम कटे हैं. नालंदा में पहले 23 लाख 16 हजार 81 मतदाता थे. यहां 1 लाख 38 हजार 505 मतदाताओं के नाम कटे हैं. अब नालंदा में 21 लाख 77 हजार 576 मतदाता रह गए हैं. नालंदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला होने के साथ साथ एनडीए का गढ़ भी है. 2020 के विधानसभा चुनाव में जहां आसपास के सभी जिलों में एनडीए को बुरी हार का सामना करना पड़ा था. वहींं, नालंदा की 7 में से 6 सीटें एनडीए ने जीती थी.