बिहार में RCP vs ललन सिंह: UP चुनाव के बहाने नीतीश के 2 करीबियों में तेज हुई सियासी जंग 

यूपी चुनाव के बहाने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और केंद्र में मंत्री और नीतीश कुमार के राजनीतिक उतराधिकारी रामचंद्र प्रसाद सिंह के बीच चल रहा शीत युद्ध सार्वजनिक हो गया है. दोनों नेताओं के बीच शीतयुद्ध की शुरुआत पिछले साल केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार के समय ही शुरू हो गई थी.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
यूपी चुनाव के बहाने ललन सिंह और RCP सिंह के बीच चल रहा शीत युद्ध सार्वजनिक हो गया है. (फाइल फोटो))
पटना:

उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनावों (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) में सत्तारूढ़ बीजेपी से गठबंधन नहीं होने पर बिहार एनडीए के घटक दल और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड में दो नेता आमने-सामने आ गए हैं. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने इसके लिए केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को जिम्मेदार ठहाराया है. अब जेडीयू ने यूपी में 26 सीटों पर कैंडिडेट उतारने का ऐलान किया है. जल्द ही उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की जाएगी.

यूपी चुनाव के बहाने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और केंद्र में मंत्री और नीतीश कुमार के राजनीतिक उतराधिकारी रामचंद्र प्रसाद सिंह के बीच चल रहा शीत युद्ध सार्वजनिक हो गया है. दोनों नेताओं के बीच शीतयुद्ध की शुरुआत पिछले साल केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार के समय ही शुरू हो गई थी.

केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल ना होने के बाद खार खाए ललन सिंह ने यूपी चुनावों में तालमेल ना होने और इस स्थिति में जेडीयू को पहुंचाने के लिए आरसीपी सिंह को ज़िम्मेवार ठहराया है. ललन सिंह ने तो यहाँ तक कह डाला कि भाजपा से जो ऑफ़र मिला, उस पर कितनी ईमानदारी से वो काम कर रहे थे. उसका बेहतर उत्तर वो खुद दे सकते हैं और अगर विलंब ना होता तो यूपी में पार्टी अधिक तैयारी से मैदान में उतरती."

Advertisement

बिहार: डबल इंजन की सरकार में एक उत्तर तो दूजा दक्षिण, ललन सिंह और संजय जायसवाल में जुबानी जंग

ललन सिंह के ऐसे बयानों से साफ़ है कि वो यूपी में तालमेल ना होने से परेशान नहीं हैं बल्कि इस पूरे प्रकरण का इस्तेमाल वो आरसीपी को घेरने में कर रहे हैं. हालाँकि केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने अब तक ललन के इन बयानों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन माना जा रहा है कि वो इससे नाराज़ हैं. इसलिए सोशल मीडिया पर उनके समर्थक ललन सिंह पर जवाबी हमला कर रहे हैं.

Advertisement

वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि दोनों ललन सिंह और आरसीपी सिंह पार्टी सुप्रीमो नीतीश के सबसे करीबी हैं लेकिन जनाधार की जहां तक बात आती है तो दोनों अपने बलबूते नगरपालिका का चुनाव भी नहीं जीत सकते.

Advertisement

ललन सिंह पिछले विधान सभा चुनावों में अपने संसदीय क्षेत्र मुंगेर में एक भी पार्टी प्रत्याशी की जीत सुनिश्चत नहीं करा पाए थे. वहीं भाजपा उसी मुंगेर संसदीय क्षेत्र के अंदर अपने कोटे की तीनों उम्मीदवारों को जिताने में कामयाब रही थी. उधर, आरसीपी की पसंद के अधिकांश उम्मीदवार 2020 में विधान सभा का मुँह नहीं देख पाए. यहाँ तक कि उन्होंने कई ऐसे प्रत्याशी उतारे जो या तो बीच में बैठ गए या कुछ निजी कारणों से उन्हें घर बैठना पड़ गया. ललन ने तो नीतीश के ख़िलाफ़ बग़ावत भी की थी लेकिन उसमें भी उनको 2010 में औंधे मुँह गिरना पड़ा था.

Advertisement

बिहार: नीतीश के मंत्री के बेटे की दबंगई, बगीचे में खेलने पर बच्चों से की मारपीट फिर फायरिंग, लोगों ने खदेड़ा

नीतीश कुमार ने पार्टी के अंदर ये साफ़ कर दिया है कि उनके बाद आरसीपी सिंह का ही स्थान है. राजनीति में भले ललन सिंह वरिष्ठ हों लेकिन नीतीश ने उन्हें अपना राजनीतिक उतराधिकारी नहीं माना. इन सबके बीच ललन सिंह का बार-बार इंटरव्यू देकर कहना कि आरसीपी सिंह को यूपी चुनाव के लिए सफ़ाई देनी चाहिए, उससे साफ़ होता है कि इन दोनो नेताओं का सम्बंध ना केवल तनाव पूर्ण है बल्कि अब खेल सार्वजनिक रूप से नीचा दिखाने तक पहुंच गया है.
 

Featured Video Of The Day
Swara Bhaskar फिर से सुर्खियों में | मौलाना से मिलना बना आफत, फैंस ने लगाई क्लास | Latest News