लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया है. इसमें एनडीए में शामिल केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की पार्टी को एक भी सीट नहीं दी गई है. इसके बाद खबर है कि पशुपति पारस मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं. वहीं कहा जा रहा है कि 'इंडिया' गठबंधन ने भी उनसे संपर्क साधा है.
सूत्रों को मुताबिक सीटों की घोषणा के बाद पशुपति पारस कैंप में हलचल तेज हो गई है. वो जल्द ही केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दे सकते हैं. उनकी बिहार में 'इंडिया' गठबंधन से बातचीत भी शुरू हो गई है.
बिहार में बीजेपी 17, जेडीयू 16 और चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी(आर) को 5 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वहीं जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को एक-एक सीट दी गई है. एनडीए में शामिल एलजेपी के पशुपति पारस गुट को एक भी सीट नहीं दी गई है.
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने शुक्रवार को कहा था कि वो हाजीपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि उनकी पार्टी के अन्य सांसद उन सीटों से चुनाव लड़ेंगे, जहां से वे 2019 के लोकसभा चुनाव में विजयी हुए थे.
भाजपा पर उनकी पार्टी के साथ न्याय नहीं करने का आरोप लगाते हुए पारस ने संकेत दिया था कि वो राजग से बाहर निकल सकते हैं. उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी कहीं भी जाने को ‘स्वतंत्र' हैं और उनके ‘दरवाजे खुले हुए हैं'.
उन्होंने कहा था कि वो बिहार में राजग उम्मीदवारों की आधिकारिक घोषणा का इंतजार करेंगे और उसके बाद भावी कदम के संबंध में कोई निर्णय लेंगे.
तावड़े के मुताबिक, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, औरंगाबाद, मधुबनी, अररिया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, महाराजगंज, सारण, अजियारपुर, बेगूसराय, नवादा, पटनासाहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर और सासाराम से भाजपा के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे.
वहीं वाल्मीकिनगर, सीतामढ़ी, झंझारपुर, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, गोपालगंज, सीवान, भागलपुर, बांका, मुंगेर, नालंदा, जहानाबाद और शिवहर से जद(यू) के उम्मीदवार मैदान में होंगे.
तावड़े ने कहा कि लोजपा (रामविलास) के हिस्से वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई की सीट गई है, जबकि गया से ‘हम' और काराकाट से राष्ट्रीय लोक मोर्चा का प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा.
लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा, जद(यू) और लोजपा को संयुक्त रूप से 39 सीट पर जीत मिली थी. राज्य में राजग का मत प्रतिशत 53 से अधिक था, जो विपक्षी 'महागठबंधन' को मिले मतों से लगभग 20 प्रतिशत ज्यादा था.