NDA से नहीं मिली एक भी सीट, पशुपति पारस देंगे मंत्री पद से इस्तीफा, 'इंडिया' गठबंधन से साधा संपर्क : सूत्र

बिहार एनडीए में सीटों की घोषणा के बाद पशुपति पारस कैंप में हलचल तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि वो जल्द ही केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दे सकते हैं. उनकी 'इंडिया' गठबंधन से बातचीत भी शुरू हो गई है.

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नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया है. इसमें एनडीए में शामिल केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की पार्टी को एक भी सीट नहीं दी गई है. इसके बाद खबर है कि पशुपति पारस मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं. वहीं कहा जा रहा है कि 'इंडिया' गठबंधन ने भी उनसे संपर्क साधा है.

सूत्रों को मुताबिक सीटों की घोषणा के बाद पशुपति पारस कैंप में हलचल तेज हो गई है. वो जल्द ही केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दे सकते हैं. उनकी बिहार में 'इंडिया' गठबंधन से बातचीत भी शुरू हो गई है.

बिहार में बीजेपी 17, जेडीयू 16 और चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी(आर) को 5 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वहीं जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को एक-एक सीट दी गई है. एनडीए में शामिल एलजेपी के पशुपति पारस गुट को एक भी सीट नहीं दी गई है.

रामविलास पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी 2020 में उनके निधन के बाद दो हिस्सों में बंट गई. उनके भाई पशुपति पारस राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) और उनके बेटे चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का नेतृत्व करते हैं. दोनों भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा हैं.

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने शुक्रवार को कहा था कि वो हाजीपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि उनकी पार्टी के अन्य सांसद उन सीटों से चुनाव लड़ेंगे, जहां से वे 2019 के लोकसभा चुनाव में विजयी हुए थे.

भाजपा पर उनकी पार्टी के साथ न्याय नहीं करने का आरोप लगाते हुए पारस ने संकेत दिया था कि वो राजग से बाहर निकल सकते हैं. उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी कहीं भी जाने को ‘स्वतंत्र' हैं और उनके ‘दरवाजे खुले हुए हैं'.

उन्होंने कहा था कि वो बिहार में राजग उम्मीदवारों की आधिकारिक घोषणा का इंतजार करेंगे और उसके बाद भावी कदम के संबंध में कोई निर्णय लेंगे.

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सोमवार को भाजपा मुख्यालय में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा महासचिव व बिहार मामलों के प्रभारी विनोद तावड़े ने इसकी घोषणा की. इस दौरान जद (यू) के महासचिव व राज्यसभा सदस्य संजय झा, लोजपा (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सहित गठबंधन के अन्य घटक दलों के नेता भी मौजूद थे.

तावड़े के मुताबिक, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, औरंगाबाद, मधुबनी, अररिया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, महाराजगंज, सारण, अजियारपुर, बेगूसराय, नवादा, पटनासाहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर और सासाराम से भाजपा के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे.

वहीं वाल्मीकिनगर, सीतामढ़ी, झंझारपुर, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, गोपालगंज, सीवान, भागलपुर, बांका, मुंगेर, नालंदा, जहानाबाद और शिवहर से जद(यू) के उम्मीदवार मैदान में होंगे.

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तावड़े ने कहा कि लोजपा (रामविलास) के हिस्से वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई की सीट गई है, जबकि गया से ‘हम' और काराकाट से राष्ट्रीय लोक मोर्चा का प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा.

बिहार की 40 लोकसभा सीट पर कुल सात चरणों में मतदान होगा. निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के मुताबिक, लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होंगे. मतगणना चार जून को होगी.

लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा, जद(यू) और लोजपा को संयुक्त रूप से 39 सीट पर जीत मिली थी. राज्य में राजग का मत प्रतिशत 53 से अधिक था, जो विपक्षी 'महागठबंधन' को मिले मतों से लगभग 20 प्रतिशत ज्यादा था.

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