बिहार: पुलिस मुखबिरी के आरोप में नक्सलियों ने पिता-पुत्र की गोली मारकर की हत्या

इस घटना को अंजाम देने के बाद नक्सलियों ने मौके पर कई नक्सली पर्चे छोड़े, जिसमें लिखा था कि तमाम मेहनतकश लोगों से अपील है कि पुलिस के बहकावे में आकर एसपीओ का काम ना करें, नहीं तो सड़कों पर खून बहेगा, पुलिस कैम्पों को उखाड़ फेकेंगे तथा पीएलजीए में भर्ती हों.

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मृतक चोपा हैम्बरम की पत्नी नन्हकी मरांडी ने पुलिस को घटना के बारे में पूरी जानकारी दी.
पटना:

बिहार (Bihar) के जमुई जिले में पुलिस मुखबिरी के आरोप में नक्सलियों ने पिता-पुत्र की गोली मारकर हत्या कर दी है. बुधवार की रात 12 से 15 की संख्या में हथियार से लैस नक्सलियों ने जिले के चकाई थाना क्षेत्र के बिहार झारखंड बॉर्डर के पास टोलापहाड़ स्थित बराजोर गांव निवासी 50 वर्षीय चतुर हैम्बरम उर्फ चोपा और उसके 30 वर्षीय पुत्र अर्जुन हैम्बरम को घर से खींचकर गोली मार दी.

मृतक चोपा हैम्बरम की पत्नी नन्हकी मरांडी ने बताया कि बुधवार की रात 11 बजे के करीब उनका दरवाजा जोर-जोर से खटखटाया गया. डर के कारण उनलोगों ने जब दरवाजा नही खोला तो नक्सलियों ने दरवाजा जबरन तोड़ दिया और घर में सोये चोपा को जबरन खींचकर बाहर निकाल लिया. नक्सली चोपा से मारपीट करने लगे. यह देख उनके बगल में सोये उनके पुत्र अर्जुन हैम्बरम अपने घर के अंदर पत्नी के कमरे की और भागे मगर नक्सलियों ने उन्हें भी जबरन मारपीट कर बाहर खींच लिया.

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वहीं मृतक अर्जुन की पत्नी सोनिया ने बताया कि जब हम उन्हें नक्सलियों से बचाने गये तो उनलोगों ने उसे एवं घर की अन्य औरतों एवं बच्चों को लाठी से पीटा. इसी बीच उनके सामने ही उनके पति अर्जुन एवं ससुर चोपा को गोलियों से भून दिया और दोनों की लाश घर के बाहर छोड़कर नक्सली घर से दक्षिण दिशा की और पैदल निकल गए.

नक्सलियों के जाने के बाद भी किसी पड़ोसी ने घर से निकलकर उसकी मदद नही की. बाद में घर के अन्य लोगों के साथ दोनों की लाश घर के अंदर लाया. उन्होंने बताया कि नक्सली पुलिस वर्दी में हथियार से लैस थे. पीड़ित महिलाओं ने बताया कि लगभग 20 राउंड से अधिक गोलियां मौके पर चलाई गई. उन्होंने यह भी बताया कि नक्सली रात में करीब एक घंटे तक उक्पात मचाते रहे.

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इस घटना को अंजाम देने के बाद नक्सलियों ने मौके पर कई नक्सली पर्चे छोड़े, जिसमें लिखा था कि तमाम मेहनतकश लोगों से अपील है कि पुलिस के बहकावे में आकर एसपीओ का काम ना करें, नहीं तो सड़कों पर खून बहेगा, पुलिस कैम्पों को उखाड़ फेकेंगे तथा पीएलजीए में भर्ती हों. इसी तरह के स्लोगन के कई पर्चे मौके से पुलिस ने जब्त किया.

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एएसपी अभियान सुधांशु कुमार ने बताया कि जेल से छूटे कुछ नक्सलियों द्वारा एक गिरोह बनाकर पुलिस मुखबिरी के आरोप में दोनों निर्दोष ग्रामीण आदिवासियों की हत्या कर दी गई. पुलिस जल्द ही इस हत्या में शामिल असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार कर उस पर कार्रवाई करने को संकल्पित है. वहीं पुलिस मृतक के परिजनों का बयान लेकर तथा लाश को जब्त कर चरकापत्थर थाने ले गई, जहां से उसे अंत्यपरीक्षण के लिए जमुई भेज दिया गया.

वहीं मौके पर एसपी अभियान के अलावे डीएसपी लाल बाबू यादव, चकाई थानाध्यक्ष राजीव कुमार, चरकापत्थर थानाध्यक्ष, एसएसबी, चकाई सीआरपीएफ 215 बटालियन, भेलवाघाटी एवं बटिया सीआरपीएफ मौजूद थे.

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