वाह रे बिहार! स्कूल में बच्चों को ये क्या पढ़ा रहे, अब क्या सिर्फ शराब के उदाहरण ही बचे हैं

कहने को तो बिहार में शराब पूरी तरह से बंद (Bihar Liquor Ban) है. लेकिन फिर भी जहरीली शराब से 50 लोगों की मौत हो जाती है. अब तो स्कूली बच्चों को शिक्षा में भी शराब के उदाहरण दिए जा रहे हैं.

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बिहार के स्कूल में बच्चों को दारू की शिक्षा.
पटना:

पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार में आखिर ये हो क्या रहा है. जहां दारू को हाथ लगाना भी मना है, वहां जहरीली शराब पीने से 50 लोगों की मौत हो गई और अब स्कूली छात्रों को शराब के उदाहरण (Bihar School Liquor Example) दिए जाने का मामला सामने आया है. सवाल ये है कि नीतीश कुमार के पूर्ण शराबबंदी वाले राज्य में आखिर कोई टीचर पूरे होशों हवास में इस तरह की बातें कैसे सिखा सकता है.  ये मामला मोतिहारी के ढाका प्रखंड का है. जमुआ स्कूल में छात्रों को हिंदी की क्लास में ब्लैक बोर्ड पर शराब के उदाहरण दिए जा रहे हैं. 

हिंदी मुहावरे के अजब-गजब उदाहरण

सरकारी स्कूल की टीचर हिंदी मुहावरे के अजब-गजब उदाहरण बच्चों को सिखा रही हैं. बच्चों को पढ़ाया जा रहा है कि हाथ-पांव फूलने का मतलब होता है समय पर दारू का नहीं मिलना और कालेज ठंडा होना मतलब पैग गले के नीचे उतारना.  नेकी कर दरिया में डाल का मतलब होता है फ्री में दोस्तो को पिलाना.

स्कूल में बच्चों को ये क्या पढ़ाया जा रहा है

ढाका प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अखिलेश कुमार से जब यह पता लगाने की कोशिश की कि क्या ये बात सही है तो प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने उस महिला शिक्षिका का नाम बता दिया. उन्होंने बताया कि ब्लैक बोर्ड पर शराब का उदाहरण देकर पढ़ाई करवाने वाली टीचर विनीता ने फोन पर मैसेज कर माफी मांगी है.उनसे इस पर स्पष्टीकरण मांगा गया है.

ब्लैक बोर्ड पर शराब के उदाहरण

जब जमुआ मध्य विद्यालय की प्रधानध्यापिका सुलेखा झा से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने भी बोर्ड पर शराब के उदाहरण पढ़ाए जाने की बात तो सच बताया. सुलेखा झा ने बताया कि चौथी क्लास के बच्चों को शराब के उदाहरण पढ़ाए गए हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार ने भी आरोपी टीचर विनीता से स्पष्टीकरण मांगा है. हालांकि उनसे संपर्क नहीं हो पाया है. 

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