- बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की भारी जीत के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है
- उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बडगाम विधानसभा उपचुनाव आसान नहीं थे क्योंकि वोट व्यक्तिगत पसंद पर आधारित थे
- उन्होंने नीतीश कुमार की दशवीं बार मुख्यमंत्री बनने को बड़ी उपलब्धि बताते हुए उनसे सीखने की सलाह दी
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की भारी जीत और जम्मू-कश्मीर के बडगाम विधानसभा उपचुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस की हार पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि जब मैं बिहार की स्थिति देखता हूं, तो मुझे अपनी स्थिति पर कम दुःख होता है. मुझे पता था कि बडगाम चुनाव आसान नहीं होंगे, क्योंकि यहां एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो मुद्दों के आधार पर या काम देखकर वोट नहीं करता.
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वोट चोरी यात्रा के बाद कांग्रेस को लगा कि उन्हें कहीं ज़्यादा सीटों पर सफलता मिलेगी. लेकिन नतीजों पर गौर करें तो नीतीश कुमार ने एंटी-इनकंबेंसी का शिकार होने के बजाय उसे इनकंबेंसी में बदल दिया और सत्ता में होने का फायदा उठाया. 10वीं बार सीएम बनना कोई छोटी बात नहीं है. अच्छा होगा कि दूसरी सरकारें भी उनसे सीखें. उन्होंने कहा कि एक बात तो तय है कि नीतीश कुमार ने जात-पात को किनारे रखकर महिलाओं के लिए योजनाएं शुरू कीं, जिसका उन्हें बहुत फ़ायदा हुआ.
उन्होंने कहा, 'हमने चुनाव जीतने के लिए लड़ा था, लेकिन बडगाम के लोग कुछ और चाहते थे. हम बडगाम की प्रगति और वहां के लोगों की बेहतरी चाहते थे. हम चाहते थे कि अगले चार साल तक सरकार के साथ उनके घनिष्ठ संबंध बने रहें, लेकिन बडगाम के लोग कुछ और चाहते थे.'
मुख्यमंत्री ने कहा कि बडगाम के मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग मुद्दों के आधार पर नहीं, बल्कि पूरी तरह से व्यक्तिगत पसंद के आधार पर वोट देता है. उन्होंने बताया कि नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला जल्द ही बडगाम और नगरोटा में चुनावी हार का विश्लेषण करने, कमियों का पता लगाने और पार्टी और सरकार के भीतर आवश्यक सुधार करने के लिए एक कार्य समिति की बैठक बुलाएंगे.













